हस्तरेखा शास्त्र स्तुतिसेन ऋषि-मुनिओ द्वारा दिया गया एक उपहार है। हस्तरेखा का संबंध भारतीय सामुद्रिक शास्त्र, हस्त सामुद्रिक शास्त्र तथा फलित-ज्योतिष से है। प्रस्तुत पुस्तक का प्रणयन ख्यातिलब्ध विदवान हस्तशास्त्री श्री सुरेन्द्र नाथ सक्सेना दवारा किया गया है। इस पुस्तक मे हस्तरेखा की बारीकियों पर प्रकाश डाला गया है। पुस्तक सकारातमक एवं सहायक होगी। प्रस्तुत पुस्तक मे ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को दूर करने के उपायों का विस्तृत विवेचन किया गया है। भविष्य की जानकारी से दुर्घटनाओं एवं आपतियो से बचाव के तरीको एवं सावधानियों के विषय मे उपाय बताए गए है। पुस्तक पढ़ने के बाद पाठक अपनी खूबियों के साथ-साथ अपनी कमियों को जान पायेगा। इससे उसे अपनी खूबियों को निखारने तथा कमियों को दूर करने मे अत्यधिक सहायता प्राप्त होगी।
Surendra Nath Saxena
ऑल इंडिया जर्नलिस्ट वेलफेयर फाउंडेशन, दिल्ली द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत इस पुस्तक के लेखक सुरेंद्र नाथ सक्सेना राजनीती विज्ञान मे ऍम. ए. क. साथ पर्सनल मैनेजमेंट एंड लेबर वेलफेयर मे पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त है। अपने लेखक के लिए हरियाणा साहित्य अकादमी पुरस्कार, हरियाणा हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा हिंदी सेवा के लिए सम्मान एवं अखिल भारतीय कलाकार संघ, शिमला द्वारा बलराज साहनी स्मृति सम्मान प्राप्त कर चुके है। धर्मयुग, सारिका, सरिता, सुमन सौरभ, मुक्ता, दैनिक हिन्दुस्थान, वीर अर्जुन, माधुरी, नवभारत टाइम्स, दैनिक ट्रिब्यून आदि मे अनेक रचनाये प्रकाशित। भयमुक्त कैसे हो इनकी वार्चित पुस्तक है।
Surendra Nath Saxena
V & S Publishers