नर नारी के प्यार में पवित्रता, मादकता और खुशिओ का संगम छिपा होता हैं। दुनिया के समस्त सुखो और रंगो के मूल में सेक्स और जनशक्ति के महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। दुःख का विषय यह हैं की हमारे समाज में सेक्स को अपवित्र रूप से प्रस्तुत किया जाता हैं और दूसरी और लज्जारहित सेक्स प्रदर्शन किया जाता हैं। अज्ञानता की वजह से नर - नारी प्राय: अपने जीवन की खुशियो को नष्ट कर देते हैं। इस पुस्तक में सेक्स सम्बन्धी ज्ञान को सहज व सरल तरीके से प्रस्तुत किया गया हैं जिससे आपका जीवन खुशियो से भर सके।
Surendra Nath Saxena
ऑल इंडिया जर्नलिस्ट वेलफेयर फाउंडेशन, दिल्ली द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत इस पुस्तक के लेखक सुरेंद्र नाथ सक्सेना राजनीती विज्ञान मे ऍम. ए. क. साथ पर्सनल मैनेजमेंट एंड लेबर वेलफेयर मे पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त है। अपने लेखक के लिए हरियाणा साहित्य अकादमी पुरस्कार, हरियाणा हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा हिंदी सेवा के लिए सम्मान एवं अखिल भारतीय कलाकार संघ, शिमला द्वारा बलराज साहनी स्मृति सम्मान प्राप्त कर चुके है। धर्मयुग, सारिका, सरिता, सुमन सौरभ, मुक्ता, दैनिक हिन्दुस्थान, वीर अर्जुन, माधुरी, नवभारत टाइम्स, दैनिक ट्रिब्यून आदि मे अनेक रचनाये प्रकाशित। भयमुक्त कैसे हो इनकी वार्चित पुस्तक है।
Surendra Nath Saxena
V & S Publishers