Deviprasad Chattopadhyay
देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय (जन्म: 1918) ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए., डी.लिट्. किया तथा मॉस्को एकेडेमी ऑफ साइंसेज से मानद डी.एससी. की उपाधि से सम्मानित हुए। वे जर्मन एकेडेमी ऑफ साइंसेज के अकादमीशियन तथा भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय फैलो भी रहे। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की शोध परियोजना ‘प्राचीन भारत में विज्ञान एवं टैक्नोलॉजी का इतिहास’ में अतिथि वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया। उनके द्वारा लिखित और संपादित ग्रंथों की संख्या 40 से अधिक है, जिनमें से अनेक ग्रंथों का अनुवाद चीनी, रूसी, जर्मन, जापानी और अन्य विदेशी भाषाओं में हो चुका है। उनके कुछ महत्त्वपूर्ण प्रकाशन हैं: लोकायत, ह्वाट इज लिविंग एंड ह्वाट इज डेड इन इंडियन फिलॉसफी, इंडियन एथीज्श्म, साइंस एंड सोसायटी इन एनशिएंट इंडिया, इंडियन फिलॉसफी, हिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी इन एनशिएंट इंडिया, द बिगिनिंग्स इत्यादि। निधन: 8 मई, 1993.
Deviprasad Chattopadhyay