Publisher |
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year |
2019 |
ISBN-13 |
9788126709984 |
ISBN-10 |
9788126709984 |
Binding |
Hardcover |
Number of Pages |
551 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20 x 14 x 4 |
Weight (grms) |
880 |
यह पुस्तक प्राचीन भारतीय भौतिकवाद की मार्क्सवादी व्याख्या प्रस्तुत करती है। पाश्चात्य व्याख्याताओं ने भारतीय दर्शन के इस सशक्त पक्ष की प्रायः उपेक्षा की है। उनकी उपनिवेशवादी इतिहास-दृष्टि इस बात को बराबर रेखांकित करती रही है कि भारतीय दर्शन की मूल चेतना पारलौकिक और आध्यात्मिक है। उसमें जीवन तथा जगत के यथार्थ को महत्त्वहीन माना गया है अथवा उसकी उपेक्षा की गई है। देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय ने प्राचीन ग्रंथों, पुरातात्विक और नृतत्वशास्त्रीय प्रमाणों और ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर इस बात का खंडन किया है। उनका कहना है कि प्राचीन भारत में लौकिकवाद और अलौकिकवाद, दोनों ही मौजूद थे। राजसत्ता के उदय के बाद शासक वर्ग ने लौकिक चिंतन को अपने स्वार्थ के लिए नेपथ्य में डाल दिया तथा पारलौकिक चिंतन को बढ़ावा दिया और भारतीय चिंतन की एकमात्र धारा के रूप में उसे प्रतिष्ठा दिलाई। इसलिए प्राचीन भारत के लौकिक चिंतन को समझे बिना हमारी इतिहासदृष्टि हमेशा धुँधली रहेगी। यह पुस्तक इतिहास, दर्शन, भारतीय साहित्य और संस्कृति में दिलचस्पी रखनेवाले जिज्ञासुओं के लिए समान रूप से उपयोगी है। इस पुस्तक का विश्व की सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवाद हो चुका है.
Deviprasad Chattopadhyay
देवीप्रसाद चट्टोपाध्याय (जन्म: 1918) ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए., डी.लिट्. किया तथा मॉस्को एकेडेमी ऑफ साइंसेज से मानद डी.एससी. की उपाधि से सम्मानित हुए। वे जर्मन एकेडेमी ऑफ साइंसेज के अकादमीशियन तथा भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय फैलो भी रहे। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च की शोध परियोजना ‘प्राचीन भारत में विज्ञान एवं टैक्नोलॉजी का इतिहास’ में अतिथि वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया। उनके द्वारा लिखित और संपादित ग्रंथों की संख्या 40 से अधिक है, जिनमें से अनेक ग्रंथों का अनुवाद चीनी, रूसी, जर्मन, जापानी और अन्य विदेशी भाषाओं में हो चुका है। उनके कुछ महत्त्वपूर्ण प्रकाशन हैं: लोकायत, ह्वाट इज लिविंग एंड ह्वाट इज डेड इन इंडियन फिलॉसफी, इंडियन एथीज्श्म, साइंस एंड सोसायटी इन एनशिएंट इंडिया, इंडियन फिलॉसफी, हिस्ट्री ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी इन एनशिएंट इंडिया, द बिगिनिंग्स इत्यादि। निधन: 8 मई, 1993.
Deviprasad Chattopadhyay
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