Biwi Kesi Honi Chahiye (Hindi)

Author:

Shaoib Shahid

,

Chaudhary Mohammed Ali Rudaulvi

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2022
ISBN-13

9789394494008

ISBN-10 9394494006
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 105 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 19X12X1
Weight (grms) 122

इस किताब में चौधरी मोहम्मद अली रुदौलवी की मज़ाहिया तहरीरें हैं जिनमें तंज़ का पहलू भी छुपा हुआ है जो आपको बेसाख़्ता हँसने पर मजबूर करता है। इनके ख़ुतूत जहाँ आपको गुदगुदाने का काम करते हैं वहीं अपनी नुमायाँ ज़बान की लताफ़त से अपने सेह्र में ले लेते हैं।

Shaoib Shahid

Chaudhary Mohammed Ali Rudaulvi

चौधरी मोहम्मद अली रुदौलवी ,उर्दू के नुमाइन्दा नस्र-निगार चौधरी मोहम्मद अली रुदौलवी की पैदाइश 15 मई, 1882 को उत्तर प्रदेश के रुदौली शहर में हुई। रुदौलवी साहिब की ब-ज़ाहिर ज़्यादा तालीम नहीं हो सकी थी मगर वो जिस ज़माने से तअल्लुक़ रखते हैं उस ज़माने में तालीम का मेयार बहुत बुलन्द था और कम दर्जे तक पढ़े-लिखे लोग भी बेहतरीन सलाहियत के मालिक होते थे। रुदौलवी साहब ने अपने इल्मी ज़ौक़ और ख़ुदा-दाद सलाहियत से इल्म हासिल करने के सभी वसीलों को अपनाया और इर्तिक़ा के उस मरहले में पहुँच गए जहाँ इल्म-ओ-अदब के लोगों को शोहरत-ए-आम और बक़ा-ए-दवाम का मुस्तहक़ माना जाता है। रुदौलवी साहब ने अदब की कई अस्नाफ़ जैसे अफ़्साने, मज़ामीन, कॉमिक्स, ख़ाके और ख़ूतूत में अपनी क़लम का जादू दिखाया है। उन्होंने कई शानदार किताबें लिखीं जिनमें ‘गोया दबिस्ताँ खुल गया’, ‘कशकोल’, ‘सलाह-ए-कार’, ‘गुनाह का ख़ौफ़’ और ‘मेरा मज़हब’ अहम हैं। उनकी बहुत ही पुर-कशिश और मुनफ़रिद अन्दाज़-ए-तहरीर, ज़बान की आसानी के साथ-साथ हास्य से भरपूर थी। अपने अदबी सफ़र में उन्होंने रोमांस के रास्तों को हक़ीक़त के शाहराहों पर छोड़ दिया और समाजी हक़ीक़त-पसन्दी की मजबूत और ज़ोरदार जड़ों से निकले अदब की ज़रख़ेज़ी के लिए ज़मीन तैयार की। 10 सितम्बर, 1959 को रुदौली में उन्होंने आख़िरी साँस ली।
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