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Publisher | Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year | 2022 |
ISBN-13 | 9788183612159 |
ISBN-10 | 8183612156 |
Binding | Paperback |
Edition | 2nd |
Number of Pages | 77 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 22X14.5X1 |
Weight (grms) | 105 |
“ ‘कम्पनी उस्ताद’ की भाषा, संगीत एवं पात्रों के अभिनय ने महेन्द्र मिसिर के विभिन्न रंगों से दर्शकों का परिचय कराया। नाटककार की भाषा उन्हें छपरा से निकालकर लगभग पूरे हिन्दी पट्टी के लोकजीवन से जोड़ देती है। यह भाषा उन्हें हिन्दी पट्टी की तात्कालिक संवेदना का गायक भी बनाती है, जिसमें वहाँ की पीड़ा और संस्कृति का दर्शन होता है।’’ —‘नवभारत टाइम्स (पटना संस्करण) 27 अप्रैल, 1994 ‘‘महेन्द्र मिसिर के जीवन के तीन हिस्सों को रवीन्द्र भारती ने इस नाटक में बहुत ख़ूबसूरती से उभारा है।’’ —‘नवभारत टाइम्स’ (नई दिल्ली संस्करण) 6 सितम्बर, 1994 ‘‘नौटंकी स्टाइल में इस नाटक ने अपार भीड़ खींच ली। नौटंकी के पुराने अदाकार 96 वर्षीय मास्टर फ़िदा हुसैन को यह नाटक बहुत पसन्द आया।’’ —‘स्वतंत्र भारत’ (नई दिल्ली) 25 सितम्बर, 1994 ‘‘ ‘कम्पनी उस्ताद’ में भाषाओं के मिले-जुलेपन का जो सहारा लिया गया है, वह विशेष रूप से विचारणीय है। खड़ी बोली, अवधी, भोजपुरी—तीनों मिलकर नाटक की भाषा बनती हैं, इसके बावजूद नाटक की प्रेषणीयता कहीं से बाधित नहीं होती।’’ —‘प्रभात ख़बर’ (राँची संस्करण) 12 जून, 1994
Ravindra Bharti
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd