Pratinidhi Kahaniyan

Author:

Mamta Kaliya

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs150

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2016
ISBN-13

9788126726509

ISBN-10 8126726504
Binding

Paperback

Number of Pages 144 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 1000

प्रतिनिधि कहानियाँ ममता कालिया हिन्दी की सुपरिचित लेखिका ममता कालिया की कहानियों के इस संग्रह में शिक्षित मध्यवर्गीय नारी की आशाओं, आकांक्षाओं, संघर्षों और स्वप्नों का यथार्थपरक अंकन हुआ है। ममता कालिया हिन्दी के उन कथाकारों में उल्लेखनीय हैं, जिन्होंने मध्यवर्गीय भाव-बोध को अपनी कहानियों का विषय बनाते हुए भी उसकी सीमाओं का अतिक्रमण किया है। मध्यवर्गीय भाव-बोध के प्रति तीखी व्यंग्य-दृष्टि का सहज और तार्किक विकास उनकी जीवन-दृष्टि की गतिशीलता का प्रमाण है। नारी के प्रति परम्परागत भारतीय दृष्टिकोण को नकारते हुए वे किन्हीं पतनशील जीवन-मूल्यों को स्वीकार नहीं करतीं, बल्कि समाज के स्वस्थ जीवन-मूल्यों को आत्मसात् करती हुई, उन्हें नई सामाजिक अर्थवत्ता प्रदान करती हैं। घर की चारदीवारी में कैद नारी की मुक्ति-आकांक्षा और उसका संघर्ष ममता कालिया की अधिकांश कहानियों का प्रस्थान बिन्दु है, जिसके आसपास वे समूचे कथानक को बुनती हैं। इन कहानियों के पात्रों से लेखिका का सम्बन्ध इतना सीधा और आत्मीय है कि वे हमारी आँखों के सामने गतिशील होने लगते हैं। कहना न होगा कि इस संग्रह की कहानियाँ भारतीय नारी के संघर्ष और उसकी छटपटाहट को मार्मिक प्रसंगों के माध्यम से उद्घाटित करती हैं।

Mamta Kaliya

ममता कालिया ममता कालिया का जन्म 2 नवम्बर, 1940 को बृन्दावन में हुआ । शिक्षा दिल्ली, मुम्बई, पुणे, नागपुर और इन्दौर में । कहानी, नाटक, उपन्यास, निबन्ध, कविता और पत्रकारिता अर्थात साहित्य की लगभग सभी विधाओं में लेखन । हिन्दी कहानी के परिदृश्य पर उनकी उपस्थिति सातवें दशक से निरन्तर बनी हुई है । वे महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका 'हिन्दी' की सम्पादक रही हैं ।
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