Pratinidhi Kahaniyan (B.C.V)

Author:

Late Bhagwati Charan Verma

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2001
ISBN-13

9788126703333

ISBN-10 9788126703333
Binding

Hardcover

Number of Pages 163 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 18 x 12.5 x 1.5
Weight (grms) 210
इस कथाकृति में सुविख्यात उपन्यासकार भगवतीचरण वर्मा की कुछ ऐसी चुनी हवई कहानियाँ दी गई हैं जिनका न केवल हिंदी में, बल्कि समूचे भारतीय कथा -साहित्य में उल्लेखनीय स्थान है । इन कहानियों का उद्देश्य पाठक को व्यक्ति -मन की गढ़ भावनाओं अथवा उसकी अवचेतनगत बारीकियों में उलझाना नहीं है, बल्कि उद्देश्य है समकालीन भारतीय समाज के संघटक अनेकानेक व्यक्‍ति -चरित्रों का उद्‌घाटन । यही वे चरित्र हैं जो व्यक्ति-रूप में अपने पूरे समाज की मुख्य प्रवृत्तियों और स्थितियों को प्रतिबिंबित करने लगते हैं; और इन्हीं के मा ध्यम से हम भारतीय समाज के प्रमुख अंतर्विरोधों तथा उसकी खूबियों और खामियों से परिचित होते हैं । इन कहानियों को पढ़ते हुए हमें ऐसा लगने लगता है कि हम अपने ही आसपास की जीवित सच्चाइयों और वर्गीय विविधताओं से गुजर रहे हैं । इतिहास इन कहानियों में सी धे-सीधे नहीं आता, बल्कि अपनी भूलों, हताशाओं और राजसी मूर्खताओं पर ' सटायर ' करते हुए आता है । वस्तुत : इन कहानियों की चरित्रप्र धान विषय - वस्तु और व्यंग्यात्मक भाषा-'शैली प्रेमचंदोत्तर हिंदी -कहानी के एक दौर की खास पहचान है । इस नाते इन कहानियों का एक ऐतिहासिक महत्त्व भी है ।

Late Bhagwati Charan Verma

जन्म: 30 अगस्त, 1903; उन्नाव जिले (उ.प्र.) का शफीपुर गाँव। शिक्षा: इलाहाबाद से बी.ए., एल.एल.बी.। प्रारम्भ में कविता-लेखन। फिर उपन्यासकार के नाते विख्यात। 1933 के करीब प्रतापगढ़ के राजा साहब भदरी के साथ रहे। 1936 के लगभग फिल्म कार्पोरेशन, कलकत्ता में कार्य। कुछ दिनों विचार नामक साप्ताहिक का प्रकाशन-सम्पादन। इसके बाद बम्बई में फिल्म-कथालेखन तथा दैनिक नवजीवन का सम्पादन। फिर आकाशवाणी के कई केन्द्रों में कार्य। बाद में, 1957 से मृत्यु-पर्यन्त स्वतंत्र साहित्यकार के रूप में लेखन। चित्रलेखा उपन्यास पर दो बार फिल्म-निर्माण और भूले-बिसरे चित्र ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ से सम्मानित। पद्मभूषण तथा राज्यसभा की मानद सदस्यता प्राप्त। प्रकाशित पुस्तकें: अपने खिलौने, पतन, तीन वर्ष, चित्रलेखा, भूले-बिसरे चित्र, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, सीधी सच्ची बातें, सामर्थ्य और सीमा, रेखा, वह फिर नहीं आई, सबहिं नचावत राम गोसाईं, प्रश्न और मरीचिका, चाणक्य, थके पाँव, युवराज चूण्डा, धुप्पल (उपन्यास); प्रतिनिधि कहानियाँ, मेरी कहानियाँ, मोर्चाबन्दी तथा सम्पूर्ण कहानियाँ (कहानी-संग्रह); मेरी कविताएँ, सविनय और एक नाराज कविता (कविता-संग्रह);मेरे नाटक, वसीयत (नाटक); अतीत के गर्त में, कहि न जाय का कहिए (संस्मरण);साहित्य के सिद्धान्त तथा रूप (साहित्यालोचन);भगवतीचरण वर्मा रचनावली–14 खंड (सम्पूर्ण रचनाएँ)। निधन: 5 अक्टूबर, 1981.
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