Publisher |
PHI Learning |
ISBN-13 |
9789388028592 |
ISBN-10 |
9789388028592 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
336 Pages |
Language |
(Hindi) |
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के दिशा-निर्देशों पर आधारित यह पुस्तक पाठकों को उस आवश्यक जानकारी, कौशल, रुचि तथा अभिवृत्ति से युक्त करने में सक्षम है जो उन्हें समेकित विद्यालयों में अपने कर्त्तव्य निर्वहन हेतु चाहिए। इस सन्दर्भ में इसमें विभिन्न महत्त्वपूर्ण प्रकरणों एवं अवधारणाओं पर उचित रूप से प्रकाश डाला गया है जैसे समेकित विद्यालय के विद्यार्थियों में पाई जाने वाली अक्षमताओं, अपंगताओं, विभिन्नताओं तथा विशिष्टताओं की प्रकृति तथा इसके अनुरूप उनकी शिक्षा, समायोजन तथा विकास को उपयुक्त रूप प्रदान करने में सहायक विभिन्न बातों जैसे कि वातावरण जन्य परिस्थितियां, पाठ्यक्रम, शिक्षण-अधिगम व्यूह-रचनाओँ, शिक्षण-अधिगम सामग्री तथा संसाधनों, विविधता युक्त बालकों की प्रगति के मूल्यांकन हेतु प्रयुक्त विधियों तथा ऐसी कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण पहलुओं के सन्दर्भ में आवश्यक समायोजन तथा अनुकूलन बनाये रखने आदि की भी आवश्यक चर्चा की गई है ताकि उन्हें समेकित विद्यालयों में अपने कर्त्तव्य निर्वहन में यथोचित सहयोग मिल सके।
S.K. MANGAL
S.K. MANGAL (Ph.D., Education) has been Principal, and Professor and Head of the Department of Postgraduate Studies, C.R. College of Education, Rohtak, Haryana. A distinguished teacher and administrator who has devised several psychological tests, Professor Mangal is the author of, among others, Advanced Educational Psychology, Statistics in Psychology and Education and Essentials of Educational Psychology (all published by Prentice-Hall of India). He has also published extensively in reputed journals
S.K. MANGAL
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