Vansha

Author:

Prabhat Tripathi

,

Harprasad Das

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2014
ISBN-13

9788126726127

ISBN-10 9788126726127
Binding

Hardcover

Number of Pages 260 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 443
N.A.

Prabhat Tripathi

Harprasad Das

हरप्रसाद दास निर्विवाद रूप से ओड़िया की समकालीन कविता के अप्रतिम और अद्वितीय रचनाकार हैं। सन् 1945 में जन्मे हरप्रसाद दास ने बाईस वर्ष की उम्र में भारतीय प्रशासन सेवा में प्रवेश किया था। वे संयुक्त राष्ट्र संघ से सम्बद्ध रहे तथा उसके अन्तर्गत यूरोप, अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अरब देश तथा पूर्वी देशों के विभिन्न सार्वजनिक महत्त्व के कार्यों में योगदान दिया। वे केन्द्र के सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के मेम्बर रहे तथा वहाँ से ओड़ीशा स्टेट ट्रिब्यूनल के उपसभापति होकर गए। अभी वे इनफिनिटी एजूकेशन फाउंडेशन के प्रेसिडेंट हैं। साठ के दशक में लिखना शुरू किया। ग्यारह कविता संग्रह, चार आलोचनात्मक चिन्तन की पुस्तकें और एक कथा साहित्य की किताब प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें से 'देश’, 'अपार्थिव’, 'प्रेम कविता’, 'प्रार्थना के लिए जरूरी शब्द’ और 'गर्भ गृह’ हिन्दी में भी प्रकाशित हैं। 'गर्भ गृह’ पर साहित्य अकादेमी का पुरस्कार प्राप्त हुआ। गंगाधर मेहेर राष्ट्रीय कविता पुरस्कार के अतिरिक्त 'वंश’ कविता संग्रह पर भारतीय ज्ञानपीठ का मूर्तिदेवी पुरस्कार प्राप्त हुआ।
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