Vishay : Nar Nari (Hindi)

Author:

Bimal Mitra

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs127 Rs150 15% OFF

Availability: Available

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2015
ISBN-13

9788180319990

ISBN-10 8180319997
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 267 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22X14.5X2
Weight (grms) 288

प्रस्तुत उपन्यास में सुशीतल चटर्जी और अल्का नायर का प्रेम है जो सुशीतल के संयमित और प्रतिज्ञाबद्ध विद्यार्थी जीवन से आरम्भ होकर सुशीतल के पक्के जुआरी और शराबी होने तक जाता है, और दूसरी तरफ़ अल्का के एक मान की ऊँची छवि में स्थापित होने तक जो सुशीतल की दूसरी पत्नी से हुए बेटे की पढाई पर अपने जमा पैसे बिना हिचक खर्च कर देती है। दूसरा चरण सरपति राय के ख़ानदान का क़िस्सा है जो पुनः स्त्री-पुरुष सम्बन्ध के झोंकों में ही झूल जाता है। तीसरे उपन्यास में कुसमिया है—एक ईमानदार और सेवा-भाव से सम्पन्न सेविका जिसे अन्त में अपनी मालकिन के बेटे के ख़ून के इल्ज़ाम में फाँसी की सज़ा होती है।  विषय नर-नारी’ में बिमल मित्र ने जैसे लेखक होने की अपनी पहचान को भी बार-बार रेखांकित किया और जिया है। स्वतंत्र रूप से लेखन को ही अपना जीवन-ध्येय बनानेवाले उस ज़माने के ऐसे लेखकों की रचनाएँ स्वयं लेखन की प्रतिष्ठा हैं जिससे जनसाधारण पाठक के रूप में एक सजीव उपस्थिति की तरह जुड़ा रहता था। इस लिहाज़ से भी साहित्य की थाती में सुरक्षित ऐसी रचनाओं को पढ़ा जाना चाहिए।

Bimal Mitra

बंगला के सुपरिचित कथाकार। जन्म: 18 मार्च 1912 को कलकत्ता में। शिक्षा: कलकत्ता विश्वविद्यालय से एम.ए.। व्यवसाय: मुख्यतः लेखन। अब तक अनेक कहानियाँ और उपन्यास लिख चुके हैं। बंगलाभाषी समाज के अलावा हिंदी व तमिल समाज में भी समान रूप से लोकप्रिय हैं। उल्लेखनीय कृतियाँ: उपन्यास: अन्यरूप, साहब बीबी गुलाम, मैं राजाबदल, परस्त्री, इकाई दहाई सैकड़ा, खरीदी कौड़ियों के मोल, मुजरिम हाजिर, पति परम गुरु, बेगम मेरी विश्वास, चलो कलकत्ता आदि। कुल लगभग 70 उपन्यासों की रचना। कहानी-संगह: पुतुल दीदी, रानी साहिबा। रेखा-चित्र: कन्यापक्ष। निधन: 2 दिसम्बर, 1991
No Review Found
More from Author