Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2012 |
ISBN-13 |
9789381448786 |
ISBN-10 |
9789381448786 |
Binding |
Paperback |
Edition |
FIRST |
Number of Pages |
123 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21X14X0.5 |
Weight (grms) |
148 |
लगभग आधी सदी का परिदृश्य हमारे सामने है। इस बीच भारतीय जीवन पद्धति तेजी से बदली है। उपभोक्ता संस्कृति और बाजार वादने लोगों के जीवन को वैधता प्रदान की है। पश्चिम से आयातित सभ्यता और संस्कृति के अंधेपन ने भारतीय मूल्यों और परंपराओं को जन्म दिया है। यह एक भयानक सांस्कृतिक पतन है। हर कोई मुक्ति का जीवन जी रहा है। उसकी हालत त्रिशंकु जैसी हो गई है। संक्रमण के इस दौर में यह आवश्यक हो गया है कि हम आधे जीवन के अच्छे और बुरे पक्ष को देखें। अच्छी तरह समझ लें। सार-सार को आत्मसात करें और थोथा का तिरस्कार करें। आइए हम एक बेहतर, समृद्ध और मूल्यवान जीवन जीने की कला में महारत हासिल करें। पुस्तक की शुरुआत में दी गई पहली पूछताछ प्रश्नोत्तरी आपको यह पहचानने में मदद करेगी कि आपके पास वास्तव में कितनी कमजोरियां हैं। इतना जानने के बाद, आपको पुस्तक के सभी अध्यायों को देखना चाहिए। यह एक ऐसी प्रयोगशाला साबित होगी, जो आपको खुद को बेहतर बनाकर जीवन जीने का तरीका सिखाएगी। अंत में खुद को फिर से जांचें और देखें कि आप कितना बदल गए हैं।
ROOMI SOOD
आज की लेखकाओ मे विशिष्ट स्थान बनाने वाली युवा लिखिका रोमी सूद उपमाश्री देश की प्रतिष्ठत पत्र-पत्रिकाओं मे निरंतर लिखती रहती है। अब तक इनकी 600 से अधिक रचनाएँ नवभारत टाइम्स, दैनिक हिंदुस्तान, राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण, ग्रहशोभा, मेरी सहेली, सरिता आदि मे छप चुकी है। वी एंड एस पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित उनकी पुस्तक साहस और आत्मविश्वास पर्याप्त चर्चित हुई है।
ROOMI SOOD
V & S Publishers