Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2015 |
ISBN-13 |
9789381588710 |
ISBN-10 |
9789381588710 |
Binding |
Paperback |
Edition |
First |
Number of Pages |
223 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20.5X13.5X1 |
Weight (grms) |
182 |
अंक ज्योतिष पर आधारित यह पुस्तक साधारणतः बोलचाल की भाषा में लिखी गयी है। प्रस्तुत पुस्तक की भाषा इतनी सरल एवं सहज है कि साधारण से साधारण पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी इसे आसानी से समझ लेना तथा इसका पूरा लाभ उठा सकने में सक्षम होगा। इस पुस्तक में लेखक के 25 वर्षों के ज्योतिष विषय को पढ़ने का मूलमंत्र है, साथ ही भाषा-शैली की भावना भी है कि आप इसे बिना किसी शब्दकोश के पढ़ पाएंगे। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भविष्य को जानने की इच्छा अनादिकाल से मानव के मन में रही है। आज भविष्य जानने की कई विधियाँ हैं, जिनमें कुंडली, प्रश्न-कुंडली, रामलशास्त्र, हस्तरेखा विज्ञान आदि प्रमुख हैं। लेकिन अंकविद्या एक ऐसी पद्धति है जिसका उपयोग किसी अन्य सभी विधाओं में किसी न किसी रूप में किया जाता है।
Arun Sagar ' Anand '
Author of Arun Sagar (Anand) has been writing independently for the last 25 years. Hundreds of his articles, many poems, stories and novels have been published by various publishing institutions. Recently, a book written by him has been given National Award by Humanitarian Vice President. His two books have been awarded by Improve Your Memory Power and Numerology and Future V&S Publishers.
Arun Sagar ' Anand '
V & S Publishers