Publisher |
LOKBHARTI PRAKASHAN |
Publication Year |
2024 |
ISBN-13 |
9788197989667 |
ISBN-10 |
8197989664 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
216 Pages |
Language |
(Hindi) |
भारतीय संविधान को लागू किए जाने के समय हमारे संविधान-निर्माताओं ने उम्मीद जताई थी कि ‘पाँच वर्ष बीतते-बीतते हिन्दी-राज्यों के हाईकोर्ट पूरी तरह हिन्दी में काम करना आरम्भ कर देंगे’ लेकिन संविधान-निर्माताओं द्वारा संकल्पित उस पाँच वर्ष की अवधि के 69 वर्ष बाद भी हम इस लक्ष्य से बहुत दूर हैं। ‘भारतीय भाषा में हाईकोर्ट की वकालत’ पुस्तक इस कठोर सचाई को रेखांकित करती है और इस लक्ष्य को यथाशीघ्र हासिल करने का एक व्यावहारिक मार्ग प्रस्तावित करती है।
इस पुस्तक में हाईकोर्ट में दाखिल होने वाले इक्कीस अलग-अलग तरह के प्रचलित मुकदमों और दर्जनों प्रार्थना-पत्रों के बारे में बताया गया है। साथ ही उनका हिन्दी में मसौदा तैयार करने के तरीके भी दिए गए हैं। सिविल एवं आपराधिक क्षेत्र से सम्बन्धित जनहित याचिका हो या रिट याचिका, अपील हो या निगरानी या निरीक्षण याचिका, 482 हो या जमानत या अवमानना, ऐसे सभी मुकदमों के संलग्न मसौदे कि हिन्दी में भी मुकदमा तैयार करना आसान है।
यह कृति, उस हीनभावना को दूर करती है, जो हम हाईकोर्ट में अपनी ही भाषाओं यथा, हिन्दी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बांग्ला, उड़िया, असमिया, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, मलयालम इत्यादि के प्रति महसूस करते हैं और जिसके कारण हम आजादी के 75 वर्ष बाद आज भी न्यायालयों में अंग्रेजी की भाषाई अधीनता में अपना कर्मजीवन जीने के आदती-से हो गए हैं।
Anoop Baranwal
अनूप बरनवाल का जन्म 15 जुलाई, 1973 को ज़िला आज़मगढ़ (यू.पी.) के ठेकमा बाज़ार में हुआ। आपने तिलकधारी महाविद्लायल, जौनपुर से बी.एस-सी. व एल-एल.बी. की पढ़ाई की और एल-एल.बी. में विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वोच्च स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। आप वर्ष 1998 से इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं। वकालत के साथ आप एकेडमिक रुचि भी रखते हैं। आपने विधिक पत्रिका 'वायस ऑफ़ लॉ एंड जस्टिस' प्रारम्भ किया और इसके सम्पादन का दायित्व निभा रहे हैं। आप इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा निकाले जा रहे ‘इंडियन लॉ रिपोर्टर’ के सम्पादन समूह के सदस्य हैं। आपके द्वारा संवैधानिक महत्त्व की कई जनहित याचिकाएँ दाख़िल की गई हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 'भारत के निर्वाचन आयोग' की चयन प्रक्रिया में सुधर हेतु दाख़िल याचिका प्रमुख है। आपके द्वारा समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए 'मिशन अनुच्छेद 44 : एक राष्ट्र, एक सिविल क़ानून' चलाया जा रहा है। प्रकाशित कृतियाँ : 'प्रिंसिपुल एंड प्रैक्टिस ऑफ़ रिट जुरिस्डिकशन' (2004); 'निर्माण-पुरुष डॉ. अम्बेडकर की संविधान यात्रा' (2017); ‘भारतीय सिविल संहिता का सिद्धान्त’ (2017) एवं ‘तीन तलाक़ की मीमांसा’ (2018)।
Anoop Baranwal
LOKBHARTI PRAKASHAN