Teen Talaq Ki Mimansa

Author :

Anoop Baranwal

Publisher:

LOKBHARTI PRAKASHAN

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Publisher

LOKBHARTI PRAKASHAN

Publication Year 2018
ISBN-13

9789388211017

ISBN-10 9388211014
Binding

Hardcover

Number of Pages 184 Pages
Language (Hindi)
तलाक एवं इससे जुड़े विषय- हलाला, बहुविवाह की पवित्र कुरान और हदीस के अन्तर्गत वास्तविक स्थिति क्या है? वैश्विक ल पर, खासतौर से मुस्लिम देशों में तलाक से सम्बन्धित कानूनों की क्या स्थिति है? भारत में तलाक की व्यवस्था के बने रहने के सामाजिक एवं राजनीतिक प्रभाव क्या हैं? महिलाओं के सम्पत्ति में अधिकार है वंचित बने रहने का तलाक से क्या सम्बन्ध हैं? तलाक के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट के विचारों की क्या प्रासंगिकता हैं? धार्मिक आस्था एवं व्यक्तिगत कानून का मूल अधिकार होने या न होने का तलाक पर क्या प्रभाव है? कांग्रेस सरकार द्वारा तलाकोपरान्त भरणपोषण पर और भाजपा सरकार द्वारा तीन तलाक पर लाये गये कानून के क्या प्रभाव हैं? तलाक की समस्या का भारतीय परिपेक्ष्य में समाधान क्या है? तलाक से जुड़े ऐसे सवालों के सभी पहलुओं पर विश्लेषण करने का प्रयास इस पुस्तक के माध्यम से किया गया है । ब्रिटिश हुकूमत द्वारा शरीयत अनुप्रयोग कानून, 1937 के माध्यम से जिस धार्मिक दुराग्रह का जहर घोलने का प्रयास किया गया था, उससे मुक्ति दिलाने में हमारे नीति-निमार्ता 68 वषों के बाद भी असफ़ल रहे हैं। इसके बावजूद भी असफ़ल रहे हैं कि संविधान- निर्माताओँ द्वारा इससे मुक्ति का रास्ता बताया गया है । यह रास्ता है धर्मनिरपेक्षता के आईने है एक यूनिफॉर्म सिविल संहिता बनाकर लागू करने का रास्ता । हम सब इस रास्ते की ओर आगे तो बढे, किन्तु महज पाँच वर्ष बाद ही हिन्दू कानून में सुधार पर आकर अटल गये । मुस्तिम, ईसाई सहित सभी धर्मों के व्यक्तिगत कानूनो में सुधार कर एक समग्र व सर्वसामान्य सिविल संहिता बनाने की इच्छाशक्ति नहीं जुदा सके । इसका खामियाजा इस देश को भुगतते रहना होता है । भारत में तीन तलाक की समस्या का मूल इसी में छिपा है, जिसका विश्लेषणात्मक अध्ययन करना भी इस पुस्तक का विषय है ।.

Anoop Baranwal

अनूप बरनवाल का जन्म 15 जुलाई, 1973 को ज़ि‍ला आज़मगढ़ (यू.पी.) के ठेकमा बाज़ार में हुआ। आपने तिलकधारी महाविद्लायल, जौनपुर से बी.एस-सी. व एल-एल.बी. की पढ़ाई की और एल-एल.बी. में विश्वविद्यालय स्तर पर सर्वोच्च स्थान हासिल कर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। आप वर्ष 1998 से इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत कर रहे हैं। वकालत के साथ आप एकेडमिक रुचि भी रखते हैं। आपने विधिक पत्रिका 'वायस ऑफ़ लॉ एंड जस्टिस' प्रारम्भ किया और इसके सम्पादन का दायित्व निभा रहे हैं। आप इलाहबाद हाईकोर्ट द्वारा निकाले जा रहे ‘इंडियन लॉ रिपोर्टर’ के सम्पादन समूह के सदस्य हैं। आपके द्वारा संवैधानिक महत्त्व की कई जनहित याचिकाएँ दाख़िल की गई हैं जिसमें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 'भारत के निर्वाचन आयोग' की चयन प्रक्रिया में सुधर हेतु दाख़िल याचिका प्रमुख है। आपके द्वारा समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए 'मिशन अनुच्छेद 44 : एक राष्ट्र, एक सिविल क़ानून' चलाया जा रहा है। प्रकाशित कृतियाँ : 'प्रिंसिपुल एंड प्रैक्टिस ऑफ़ रिट जुरिस्डिकशन' (2004); 'निर्माण-पुरुष डॉ. अम्बेडकर की संविधान यात्रा' (2017); ‘भारतीय सिविल संहिता का सिद्धान्त’ (2017) एवं ‘तीन तलाक़ की मीमांसा’ (2018)।
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