Kahna Hai Kuchh

Author:

Renu Anshul

Publisher:

LOKBHARTI PRAKASHAN

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Availability: Available

    

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Publisher

LOKBHARTI PRAKASHAN

Publication Year 2019
ISBN-13

9789388211536

ISBN-10 9789388211536
Binding

Hardcover

Number of Pages 207 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 340
मानवीय रिश्तों, भावनाओं, संवेदनाओं और समाज के किन्ही सुने अनसुने, कहे अनकहे वह सारे किरदार जो हमारे आसपास ही हैं -- कभी बगल में रहने वाले साहनी जी के यहाँ काम करने वाला माली, कभी गुप्ता जी के यहाँ काम वाली मेड, तो कभी कहीं कॉलेज में पढने वाला युवा वर्ग | कभी ख़ुशी कभी गम तो कभी धुप कही छाव के अनगिनत अहसासों के साथ, हर पात्र को, हर किरदार को, चाहे वह 'होम डिलीवरी वाला लड़का' का जिम्मेदार किशोर हो, इच्छा का किशन हो, कसूर का निर्दोष माधव हो या 'वो आ रहे है के' मजबूर नेता चाचा जी हों, उन सब को कहना है कुछ तो फिर देर किस बात की है ! इन सबसे आप हम सब एक जगह ही मुलाकात कर लेते है | सुन लेते है कि क्या कुछ कहना है इन्हें सरेआम आपसे, हमसे, सबसे.

Renu Anshul

अपने आसपास और समाज में हो रही घटनाएँ बहुत जल्दी रेनू ‘अंशुल’ के मन को अपने से जोड़ जाती हैं। मानो भीतर तक जुड़कर घट रही हर बात में एक नया किरदार और उसकी कहानी तलाशने लगी हों। थोड़ा-बहुत, जितना भी, जो भी लिखती हैं, बहुत दिल से लिखती हैं और जन-जन को महसूस करके लिखती हैं। लिखना, बोलना, सुनना और पढ़ना इनका ख़ास शौक है। अपने इस शौक को बरसों से दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो, पत्र-पत्रिकाओं और मंच के माध्यम से पूरा कर रही हैं और अपनी बात पाठकों, श्रोताओं और दर्शकों तक पहुँचा रही हैं। दो कहानी-संग्रहों के बाद कविता-संग्रह ‘लम्हों के दामन में’ इनका नया और प्रथम प्रयास है। बहरहाल, रेनू ‘अंशुल’ की कोशिश जारी है कि उनका हर विधा में लिखा साहित्य उनके प्रिय पाठकों, श्रोताओं और दर्शकों के दिल तक पहुँच जाए।.
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