Meena Bazar

Author:

Saadat Hasan Manto

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs179 Rs199 10% OFF

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2023
ISBN-13

9788126703197

ISBN-10 8126703199
Binding

Paperback

Edition 10
Number of Pages 123 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 17.5 X 11 X 0.5

मीना बाज़ारउर्दू के सुप्रसिद्ध अफ़सानानिगार सआदत हसन मंटो की बहुचर्चित संस्मरण-कृति है, जिसमें उन्होंने फ़िल्म-जगत की कुछ मशहूर हस्तियों का पारदर्शी चित्रण किया है। ऐसा करते हुए उनका लहज़ा आत्मीय होकर भी बेलौस है। इसमें उनका अपना स्वभाव और नज़रिया तो है ही, वे सामाजिक सच्चाइयाँ भी हैं, जब फ़िल्म-कलाकारों को आज के जैसी प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं थी। मंटो ने यहाँ नर्गिस, नसीम, अशोक कुमार, कुलदीप कौर, श्याम, सितारा, बी.एच. देसाई और इस्मत चुगताई जैसी हस्तियों की विशेष रूप से चर्चा की है। इन हस्तियों को वे एक दोस्त की हैसियत से तो देखते ही हैं, कलाकार के नाते भी देखते हैं और उनके निजी तथा व्यावसायिक जीवन को एक ख़ास अदाकारी के साथ हमारे सामने खोलते हैं।मंटो हिन्दी और उर्दू, दोनों ही भाषाओं की अदबी दुनिया के चहेते रचनाकार हैं। उनके जैसी तरल मानवीय संवेदना और जीवनानुभवों की विविधता बहुत कम लेखकों में दिखाई पड़ती है। निस्सन्देह, मीना बाज़ार उनकी उसी संवेदना और रचनात्मक विविधता का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।

Saadat Hasan Manto

सआदत हसन मंटो का जन्म 11 मई, 1912 को समराला, पंजाब में हुआ था। 1931 में मैट्रिक करने के बाद आगे की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से की। मंटो फ़िल्म और रेडियो पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे। मंटो की कहानियों की पिछली सदी से अब तक जितनी चर्चा हुई है, उतनी उर्दू और हिन्दी क्या, दुनिया की किसी भी भाषा के कथाकार की शायद ही हुई हो। यही कारण कि चेख़व के बाद मंटो ही थे, जिन्होंने अपनी कहानियों के दम पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने में सफलता हासिल की।उनकी प्रसिद्ध कहानियों में ‘ठंडा गोश्त’, ‘टोबा टेक सिंह’, ‘काली शलवार’, ‘मोज़ेल’, ‘दस रुपये’ आदि शामिल हैं। उनके कुछ कहानी-संग्रहों के अलावा एक उपन्यास, रेडियो नाटकों के पाँच संग्रह, निबन्धों के तीन संग्रह, और व्यक्तिगत स्केच के दो संग्रह प्रकाशित हैं।कहानियों में अश्लीलता के आरोप की वजह से मंटो को छह बार अदालत जाना पड़ा था, जिसमें से तीन बार पाकिस्तान बनने से पहले और तीन बार पाकिस्तान बनने के बाद, लेकिन एक भी बार मामला साबित नहीं हो पाया। मंटो की कई कहानियों का अनुवाद दुनिया की विभिन्न भाषाओं में किया जा चुका है। मंटो की सम्पूर्ण रचनाओं का संग्रह राजकमल प्रकाशन से ‘सआदत हंसन मंटो : दस्तावेज़’ नाम से पाँच खंडों में प्रकाशित है।
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