Meri Fitrat Hai Mastana

Author:

Manoj Muntashir

Publisher:

VANI PRAKSHAN

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Publisher

VANI PRAKSHAN

Publication Year 2019
ISBN-13

9789388434256

ISBN-10 9388434250
Binding

Paperback

Number of Pages 207 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 350

गलियाँ, तेरे संग यारा, कौन तुझे यूँ प्यार करेगा, मेरे रश्के-क़मर, मैं फिर भी तुमको चाहूँगा जैसे दर्ज़नों लोकप्रिय गीत लिखने वाले मनोज ‘मुंतशिर', फिल्मों में शायरी और साहित्य की अलख जगाए रखने वाले चुनिंदा क़लमकारों में से एक हैं। वो दो बार IIFA अवार्ड, उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘यश भारती', ‘दादा साहब फाल्के एक्सेलेन्स अवार्ड', समेत फ़िल्म जगत के तीस से भी ज्यादा प्रतिष्ठित पुरस्कार जीत चुके हैं। फ़िल्मी पण्डित और समालोचक एक स्वर में मानते हैं कि 'बाहुबली' को हिन्दी सिनेमा की सबसे सफल फ़िल्म बनाने में, मनोज ‘मुंतशिर' के लिखे हुए संवादों और गीतों का भरपूर योगदान है। रुपहले परदे पर राज कर रहे मनोज की जड़े अदब में हैं। देश-विदेश के लाखों युवाओं को शायरी की तरफ वापस मोड़ने में मनोज की भूमिका सराहनीय है। मेरी फितरत है मस्ताना... उनकी अन्दरूनी आवाज़ है। जो कुछ वो फ़िल्मों में नहीं लिख पाये, वो सब उनके पहले कविता संकलन में हाज़िर है।

Manoj Muntashir

मनोज 'मुंतशिर' शुक्ला नवयुग के उन चुनिंदा लेखकों में हैं, जिन्होंने सिनेमा और साहित्य दोनों में उपलब्धियों के कीर्तिमान रचे हैं । 'गलियाँ', 'तेरे संग यारा', 'फिर भी तुमको चाहूँगा', 'कौन तुझे', 'कैसे हुआ', 'लुट गए' जैसे रूमानी गीतों ने जहाँ उनको नौजवानों में लोकप्रिय बना दिया, वहीं तेरी मिट्टी' ने रातो रात भारत के हर सैनिक और देश प्रेमी की अंतरात्मा तक पहुँचा दिया । देश की सबसे बड़ी हिट फिल्म बाहुबली 1 और 2 के गीत और संवाद लिखने वाले मनोज इंडियन आइडल पर अपनी दमदार मौजूदगी के लिए प्रसिद्ध हैं । भारत और विश्व के अनेक देशों में मंचों पर उनका प्रभाव ऐतिहासिक छाप छोड़ चुका है। "राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार" और “महाराष्ट्र साहित्य अकादमी" से सम्मानित मनोज 'मुंतशिर' शुक्ला अपनी पहली पुस्तक 'मेरी फितरत है मस्ताना' की अप्रत्याशित सफलता के बाद 'जो मैरी नस-नस मैं है : माँ, मातृभमि और मोहब्बत' का एक भावनात्मक चित्रण लेकर आपके समक्ष उपस्थित हैं ।
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