Ramana Pito

Author :

Hiralal Shukla

Publisher:

LOKBHARTI PRAKASHAN

Rs300 Rs400 25% OFF

Availability: Available

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

LOKBHARTI PRAKASHAN

Publication Year 2014
ISBN-13

9788180319730

ISBN-10 8180319733
Binding

Hardcover

Number of Pages 116 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22 X 14 X 1

गोंडी बोली में रामकथासार की प्रस्तुति रचनात्मक अभाव को दूर करने की एक बड़ी कोशिशतो है ही, नई शुरुआत करने की एक दूरदृष्टि भी है। गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानसएक ऐसी कृति है, जिसका दो-तिहाई से अधिक अंश वनभूमि और वनजनों से सम्बद्ध है और आदिवासियों के जीवन-जगत में आज भी शामिल है, जिससे ये अपना सम्बन्ध पुरातन मानते हैं, इसलिए अभिन्न जुड़ाव रखते हैं।गोंडी बोली की इस रामकथा में आदिवासी समुदाय अपने जीवन, समाज, संस्कृति और सामूहिक संघर्ष-चेतना कीभी कथा देखता, जीता है। यह पुस्तक रामकथा के बहाने जनजातियों की तरफ़ से उनकी विरासत का परिचयऔर उनके अपने अस्तित्व की गाथा भी प्रस्तुत करती है।

Hiralal Shukla

शिक्षा : एम.ए. (संस्‍कृत), एम.ए. (भाषाविज्ञान), दर्शनशास्‍त्री, पीएच.डी. (संस्‍कृत)। कार्य : भाषाविज्ञान विभाग, रविशंकर विश्‍वविद्यालय, रायपुर में प्राध्‍यापक।
No Review Found
More from Author