Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2016 |
ISBN-13 |
9789350576656 |
ISBN-10 |
9789350576656 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
56 Pages |
Language |
(Hindi) |
Weight (grms) |
77 |
यदि मन अंशांत है, उलझनों या अंतर्द्वन्दों से भरा है, तो यह न तो इन्द्रियों से भली प्रकार कार्य करा पाता है और न ही बुद्धि को उचित सूचनायें दे पाता है। शरीर और मस्तिष्क दोनों के अस्वस्थ होने पर व्यक्ति संकटों में अपनी जीवन नैया को सुरक्षित नहीं रख सकता। इस पुस्तक में इन समस्याओं के परिप्रेक्ष्य में मन की गुत्थियों को सुलझाने का प्रयास किया गया है। जीवन की कमियों को उजागर कर सफलता की राह के रोड़े को दूर हटाकर मन को सहज, सरल और प्रसन्न रखकर भविष्य में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करना इस पुस्तक का मूल उद्देश्य है। इस पुस्तक में सकारात्मक जीवन जीने हेतु उन सभी महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया है। जिसे अपनाकर कोई भी स्वाभाविक जीवन जी सकता है। इस पुस्तक में बताया गया है कि धैर्य, आशा, आत्मविश्वास और इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना जैसे बहुमूल्य सदगुणों को अपनाकर समाज में आत्मसम्मानपूर्वक सिर उठाकर कैसे जिया जा सकता है। इस परिप्रेक्ष्य में यह पुस्तक प्रत्येक व्यक्ति को वर्तमान में जीने की सलाह देता है, और उसके जीवन को उन्नति योग्य बनाने वाली व्यावहारिक मार्गदर्शिका है।
DR. RAM GOPAL SHARMA
डॉ. राम गोपाल शर्मा ने आगरा विष्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी मे एम. ए. करने के बाद पी एच. डी. की उपाधि प्राप्त की। 9 वर्ष अध्यापन और 15 वर्ष पत्रकारिता को समर्पित किए। डॉ. शर्मा निरंतर पाठय पुस्तके तथा कहानी, कविता, नाटक, गीत और लोकगीत लिखते रहे है। आकाशवाणी और दूरदर्शन के अनेक केन्द्रो से उनकी रचनाऐ प्रसारित हुई है। साथ ही टेलेफिल्मे एवं लोकगीत के अनेक कार्यकर्म भी टेलीकास्ट हो चुके है।
DR. RAM GOPAL SHARMA
V & S Publishers