Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2017 |
ISBN-13 |
9789381588208 |
ISBN-10 |
9789381588208 |
Binding |
Paperback |
Edition |
First |
Number of Pages |
260 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20X13.5X1.8 |
Weight (grms) |
226 |
तेनालीराम विजयनगर साम्राज्य के संस्थापक राजा कृष्णदेव राय के मन्त्रिामण्डल (अष्टदिग्गजों) में से एक, राजा के प्रमुख सलाहकार एवं राज-विदूषक थे। वे राजा की राजसभा (भुवन-विजयम्) के एक आधार-स्तम्भ और गौरव थे। कृष्णदेव राय का राज्यकाल सन् 1509 से सन् 1529 तक माना जाता है। कृष्णदेव राय की गणना सम्राट् अशोक, समुद्रगुप्त और हर्षवर्द्धन जैसे महानायकों के समकक्ष की जाती है। इसी प्रकार तेनालीराम की गणना आचार्य चाणक्य की तरह कूटनीतिज्ञ, बीरबल की तरह चतुर, हाजिरजवाब और शालीन हास्यकार के रूप में की जाती है। यह पुस्तक तेनालीराम और राजा कृष्णदेव राय के बीच घटने वाली 74 घटनाओं का कहानियों के रूप में रोचक, शिक्षाप्रद व नीतिपरक बातों का संकलन है। प्रत्येक कहानी के अन्त में कहानी से मिलने वाली शिक्षा, और उससे सम्बन्धित नीति आम भाषा में इस ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो आत्मसात करने में सरल हो। लेखक ने अपने देश की लोक-परम्परा को दृष्टिगत रखते हुए उक्त कहानियों को अपने शब्दों में, रेखाचित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया है। ये कहानियाँ देश-काल की सीमा में नहीं बाँधी जा सकतीं। इन कहानियों को आप जितनी बार पढ़ेंगे, इसकी गूढ़ बातें आपके समक्ष परत-दर-परत खुलती जायेंगी, जो आपको शिक्षा भी देंगी, ज्ञान भी बढ़ायेंगी, मनोरंजन भी करेंगी और जीवन में सफल होने के लिए आपको प्रेरित भी करेंगी। इस पुस्तक को आप अवश्य पढ़ें।
Vishal Goyal
V & S Publishers