SCHOOL KI HINDI (HB)

Author:

Krishna Kumar

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2001
ISBN-13

9788126702794

ISBN-10 9788126702794
Binding

Hardcover

Number of Pages 120 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22 X 14 X 1
कृष्ण कुमार का यह नया निबन्ध-चयन उनके शैक्षिक लेखन को एक वृहत्तर सांस्कृतिक सन्दर्भ देता है। बच्चों के लालन-पालन और उनकी शिक्षा से जुड़े सवालों की पड़ताल यहाँ बीसवीं सदी के अन्तिम वर्षों में बदलती-बनती नागरिक संस्कृति की परिधि में की गई है। खिलौनों और पाठ्य-पुस्तकों की भाषा से लेकर धार्मिक अलगाववाद की राजनीति और सामाजिक विषमता तक एक लम्बी प्रश्न-शृंखला है, जिसमें कृष्ण कुमार अपनी सुपरिचित चिन्ताएँ पिरोते हैं। इन चिन्ताओं में साहित्य की परख, स्त्री की असुरक्षा और भाषा के भविष्य जैसे विविध प्रसंग शामिल हैं। अपनी व्यंजनापरक शैली और चीज़ों को रुककर देखने की ज़िद से कृष्ण कुमार ने एक बड़ा पाठक-वृत्त बनाया है। अध्यापन और लेखन के बीच कृष्ण कुमार एक व्यक्तिगत पुल बनाने में सफल हुए हैं। यह पुल उनके शैक्षिक सरोकारों को खोजी यात्राओं पर ले जाता है और उनके पाठकों को स्कूल की चारदीवारी और बच्चों के मनोजगत में प्रवेश कराता है।

Krishna Kumar

कृष्ण कुमार (जन्म 1951) का रचना जगत, मुख्यत: निबन्ध और कहानी में उजागर हुआ है। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षा विभाग के प्राध्यापक और पाँच वर्ष एनसीईआरटी के निदेशक रहे। उनकी हाल की पुस्तकों में 'चूड़ी बाजार में लड़की' और बच्चों के लिए 'चूड़ियों की गठरी चर्चित रही है। उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया है और 'चूड़ी बाजार में लड़की' को राजकमल का 'सृजनात्मक गद्य सम्मान' दिया गया है।
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