AADIM RATRI KI MAHAK   

Author:

Phanishwarnath Renu

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2019
ISBN-13

9789388933513

ISBN-10 9789388933513
Binding

Hardcover

Number of Pages 143 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22.5 X 14.5 X 1.5
N.A.

Phanishwarnath Renu

जन्म: 4 मार्च, 1921 । जन्म स्थान: औराही हिंगना नामक गाँव, जिला पूर्णिया (बिहार) । हिन्दी कथा-साहित्य में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण रचनाकार । दमन और शोषण के विरुद्ध आजीवन संघर्ष राजनीति में सक्रिय हिस्सेदारी । 1942 के भारतीय स्वाधीनता-संग्राम में एक प्रमुख सेनानी । 1950 में नेपाली जनता को राणाशाही के दमन और अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए वहाँ की सशस्त्र क्रान्ति और राजनीति में सक्रिय योगदान। 1952-53 में दीर्घकालीन रोगग्रस्तता । इसके बाद राजनीति की अपेक्षा साहित्य-ज्ञान की ओर अधिकाधिक झुकाव। 1954 में बहुचर्चित उपन्यास मैला आँचल का प्रकाशन। कथा-साहित्य के अतिरिक्त संस्मरण, रेखाचित्र और रिपोर्ताज़ आदि विधाओं में भी लिखा। व्यक्ति और कृतिकार, दोनों ही रूपों में अप्रतिम। जीवन की सांध्य वेला में राजनीतिक आन्दोलन से पुनः गहरा जुड़ाव। जे.पी. के साथ पुलिस दमन के शिकार हुए और जेल गए। सत्ता के दमनचक्र के विरोध में पद्मश्री लौटा दी। कृतियाँ: मैला आँचल, परती परिकथा, दीर्घतपा, कितने चौराहे (उपन्यास); ठुमरी, अगिनखोर, आदिम रात्रि की महक, एक श्रावणी दोपहरी में, अच्छे आदमी, सम्पूर्ण कहानियाँ, प्रतिनिधि कहानियाँ (कहानी-संग्रह); ऋणजल धनजल, वन तुलसी की गन्ध, समय की शीला पर, श्रुत-अश्रुत पूर्व (संस्मरण) तथा नेपाली क्रान्ति-कथा (रिपोर्ताज); रेणु रचनावली (समग्र)। देहावसान: 11 अप्रैल, 1977.
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