Apne-Apne Chehare

Author:

Prabha Khetan

Publisher:

VANI PRAKSHAN

Rs391 Rs450 13% OFF

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Publisher

VANI PRAKSHAN

Publication Year 2021
ISBN-13

9789390678143

ISBN-10 9789390678143
Binding

Hardcover

Number of Pages 208 Pages
Language (Hindi)
प्रभा खेतान का नाम कृष्णा सोबती, मन्नू भण्डारी और उषा प्रियंवदा के बाद की पीढ़ी की महत्त्वपूर्ण लेखिकाओं में लिया जाता है। लेखन और व्यवसाय दोनों को सफलतापूर्वक साधकर पितृसत्तावादी समाज में उन्होंने स्वयं को साबित किया है। उनकी अधिकांश रचनाओं में उनकी उपस्थिति उसी तरह झलकती है जैसे अपनी ही कहानी में लेखक ख़ुद दर्शक, सूत्रधार और चरित्र की भूमिका में दिखाई देता है। उनके सभी उपन्यासों में पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यवस्था के बीच स्वतन्त्रता और समानता के लिए संघर्षरत विभिन्न स्त्री चरित्र दिखाई देंगे। जहाँ एक ओर उन्होंने स्त्री जीवन की विविध समस्याओं को उठाया है वहीं दूसरी ओर स्त्री के इन समस्याओं से दो-चार होने वाली सामाजिक व्यवस्था की पड़ताल भी की है। अपने-अपने चेहरे की प्रमुख स्त्री पात्र रमा विवाहित पुरुष राजेन्द्र गोयनका से प्रेम करती है। वह उनके परिवार को ख़ुश रखने का हरसम्भव प्रयास करती है। किन्तु फिर भी राजेन्द्र का परिवार उसे नहीं अपना पाता। समाज उस पर दूसरी औरत होने का लेबल चस्पाँ कर देता है। रमा दूसरी औरत के इस लेबल को हटाने का पूरा प्रयास करती है और अपना अलग अस्तित्व स्थापित करने के लिए दिन-रात परिश्रम करती है।

Prabha Khetan

"प्रभा खेतान जन्म : 1 नवम्बर, 1942 शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (दर्शनशास्त्र)। प्रकाशित कृतियाँ : आओ पेपे घर चलें!, छिन्नमस्ता, पीली आँधी, अग्निसंभवा, तालाबंदी, अपने-अपने चेहरे (उपन्यास); अपरिचित उजाले, सीढ़ियाँ चढ़ती हुई मैं, एक और आकाश की खोज में, कृष्ण धर्मा मैं, हुस्न बानो और अन्य कविताएँ अहल्या (कविता); उपनिवेश में स्त्री, सार्त्र का अस्तित्ववाद, शब्दों का मसीहा : सार्त्र, अल्बेयर कामू : वह पहला आदमी (चिन्तन); साँकलों में कैद कुछ क्षितिज (कुछ दक्षिण अफ्रीकी कविताएँ), स्त्री : उपेक्षिता (सीमोन द बोउवार की विश्व-प्रसिद्ध कृति द सेकंड सेक्स) (अनुवाद)। एक और पहचान, हंस का स्त्री विशेषांक भूमंडलीकरण : पितृसत्ता के नये रूप (सम्पादन)। निधन : 20 सितम्बर, 2008"
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