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Publisher | Teenage Publishers |
Publication Year | 2021 |
ISBN-13 | 9789385385537 |
ISBN-10 | 9385385534 |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 209 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 21X14X1 |
Weight (grms) | 252 |
हम इंसानों के पास माँ का दूध छोड़ने के बाद अन्य बाहरी दूध को पचाने के लिए कोई एंजाइम नहीं है। प्रोफेसर एस.एम. हेगड़े, पद्मभूषण, 2010 से सम्मानित कार्डियोलोजिस्ट व पूर्व चांसलर, मणिपाल यूनिवर्सिटी थी जिसकी घोषणा करने के शाकाहारियों द्वारा आने लगा है। दुनिया भर बन गई है। हमने जो पशु का नहीं हो सकता है और न ही अस्थमा, कैंसर और दिल की जब डॉ. एन. के. शर्मा, एक प्रतिष्ठित प्राकृतिक चिकित्सक और रेकी हीलिंग फाउन्डेशन के संस्थापक, ने पहली बार 'मिल्क ए साइलेंट किलर' प्रकाशित किया। 1987 में वह जंगल में आग की तरह तेजी से लोकप्रिय हुई। यह पुस्तक वह आवाज लिए भारत तो क्या पूरे विश्व भर में कोई तैयार नहीं था। दूध, शहद और माँसाहार हेतु जानवरों के पालन का बहिष्कार में यह पुस्तक लाखों अनुयायियों के लिए अत्यंत लोकप्रिय दर्शन दूध लम्बे समय तक उपयोग किया है वह सम्पूर्णता का प्रतीक शिशुओं के लिए फायदेमंद है। इस बात का यह पुख्ता सबूत है। बीमारियों के पीछे भी दूध ही मुख्य कारण है। डॉ. एन. के. शर्मा ने सावधानीपूर्वक शोध किया और इस विषय पर बारीकी से तर्क दिया है और तेजस्वी स्पष्टता के साथ अपनी बात साबित की। जिससे सभी ने इस विषय पर ज्ञान प्राप्त किया है। यह पुस्तक उन सभी के लिए एक रहस्योद्घाटन है जो खुद को ठीक करना चाहते हैं या प्रकृति के नियमों का पालन करके एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। "गाय का दूध उसके बछड़े के लिए प्राकृतिक एवं आदर्श भोजन है। यहाँ तक कि बछड़ा भी बड़ा होने पर अपनी माता का दूध नहीं पीता परन्तु हम आजीवन दूध को पीते रहते हैं और हम बीमारियों के मेजबान होने के नाते इसके परिणाम भुगत रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम सब दूध से मुक्त हो जाएँ"। नंदिता शाह, LCEH होम्योपैथ पोषण विशेषज्ञ और SHARAN के संस्थापक “पशु का दूध हमारे दैनिक भोजन की आदतों और जीवनशैली के साथ इतना गहरा सम्बन्ध रखता है कि यह जानकर बड़ा झटका लगता है कि दूध वास्तव में स्वास्थ्य के लिए खतरा है। 30 दिनों के लिए डेयरी उत्पादों को त्याग दें और अपने स्वास्थ्य की स्थिति में उल्लेखनीय बदलाव देखें।" - डॉ. रूपा शाह, एम.डी. और होलिस्टिक फिजिशियन भारतीय पुष्प उपचार पद्धति विकसित करने में अग्रणी “मुझे अपने जीवन में कभी भी बीमारी का सामना नहीं करना पड़। क्योंकि मुझे कभी डेयरी उत्पादों से पोषित नहीं किया गया। मैंने अकेले ही प्राकृतिक भोजन के माध्यम से ही अपनी शारीरिक व मानसिक शक्तियों का विकास किया है। अपनी सुन्दरता के लिए मैं रहन-सहन एवं आहार सम्बन्धी नियमों का पालन करती हूँ।”
तृप्ति शर्मा, फिल्म एक्टर एवं सुपुत्री डॉ. एन. के. शर्मा
Dr. N.K. Sharma
Teenage Publishers