Pitrisatta Ke Naye Roop

Author:

Prabha Khetan

,

Rajendra Yadav

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs458 Rs595 23% OFF

Availability: Available

    

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2019
ISBN-13

9788126707676

ISBN-10 9788126707676
Binding

Hardcover

Number of Pages 227 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 393
N.A.

Prabha Khetan

"प्रभा खेतान जन्म : 1 नवम्बर, 1942 शिक्षा : एम.ए., पी-एच.डी. (दर्शनशास्त्र)। प्रकाशित कृतियाँ : आओ पेपे घर चलें!, छिन्नमस्ता, पीली आँधी, अग्निसंभवा, तालाबंदी, अपने-अपने चेहरे (उपन्यास); अपरिचित उजाले, सीढ़ियाँ चढ़ती हुई मैं, एक और आकाश की खोज में, कृष्ण धर्मा मैं, हुस्न बानो और अन्य कविताएँ अहल्या (कविता); उपनिवेश में स्त्री, सार्त्र का अस्तित्ववाद, शब्दों का मसीहा : सार्त्र, अल्बेयर कामू : वह पहला आदमी (चिन्तन); साँकलों में कैद कुछ क्षितिज (कुछ दक्षिण अफ्रीकी कविताएँ), स्त्री : उपेक्षिता (सीमोन द बोउवार की विश्व-प्रसिद्ध कृति द सेकंड सेक्स) (अनुवाद)। एक और पहचान, हंस का स्त्री विशेषांक भूमंडलीकरण : पितृसत्ता के नये रूप (सम्पादन)। निधन : 20 सितम्बर, 2008"

Rajendra Yadav

जन्म: 28 अगस्त, 1929, आगरा। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी), 1951, आगरा विश्वविद्यालय। प्रकाशित पुस्तकें: देवताओं की मूर्तियाँ, खेल-खिलौने, जहाँ लक्ष्मी कैद है, अभिमन्यु की आत्महत्या, छोटे-छोटे ताजमहल, किनारे से किनारे तक, टूटना, ढोल और अपने पार, चौखटे तोड़ते त्रिकोण, वहाँ तक पहुँचने की दौड़, अनदेखे अनजाने पुल, हासिल और अन्य कहानियाँ, श्रेष्ठ कहानियाँ, प्रतिनिधि कहानियाँ (कहानी-संग्रह); सारा आकाश, उखड़े हुए लोग, शह और मात, एक इंच मुस्कान (मन्नू भंडारी के साथ), मंत्र-विद्ध और कुलटा (उपन्यास); आवाज तेरी है (कविता-संग्रह); कहानी: स्वरूप और संवेदना, प्रेमचन्द की विरासत, अठारह उपन्यास, काँटे की बात (बारह खंड), कहानी: अनुभव और अभिव्यक्ति, उपन्यास: स्वरूप और संवेदना (समीक्षा-निबन्ध-विमर्श); वे देवता नहीं हैं, एक दुनिया: समानान्तर, कथा जगत की बागी मुस्लिम औरतें, वक्त है एक ब्रेक का, औरत: उत्तरकथा, पितृसत्ता के नए रूप, पच्चीस बरस: पच्चीस कहानियाँ, मुबारक पहला कदम (सम्पादन); औरों के बहाने (व्यक्ति-चित्र); मुड़-मुडक़े देखता हूँ (आत्मकथा); राजेन्द्र यादव रचनावली (15 खंड)। प्रेमचन्द द्वारा स्थापित कथा-मासिक ‘हंस’ के अगस्त, 1986 से 27 अक्टूबर, 2013 तक सम्पादन। चेखव, तुर्गनेव, कामू आदि लेखकों की कई कालजयी कृतियों का अनुवाद। निधन: 28 अक्टूबर, 2013.
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