Pratinidhi Kahaniyan (Yash) (Hb)

Author:

Yashpal

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2019
ISBN-13

9789388183970

ISBN-10 9789388183970
Binding

Hardcover

Number of Pages 146 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 180
प्रेमचंद की कथा-परंपरा को विकसित करनेवाले सुविख्यात कथाकार यशपाल के लिए साहित्य एक ऐसा शास्त्र था, जिससे उन्हें संस्कृति का पूरा युद्ध जितना था । और उन्होंने जीता । प्रत्येक स्टार पर वे सजग थे । विचार, तर्क, व्यंग्य, कलात्मक सौंदर्य, मर्म-ग्राह्यता-हर स्तर पर उन्होंने अपनी प्रतिभा का प्रमाण दिया । समाज में जहाँ कहीं भी शोषण और उत्पीडन था, जहाँ कहीं भी रूढ़ियों, परम्पराओं, नैतिकताओं, धर्म और संस्कारों की जकड में जीवन कसमसा रहा था, यशपाल की दृष्टि वहीँ पड़ी और उन्होंने पूरी शक्ति से वही प्रहार किया । इसी दृष्टि को लेकर उन्होंने उस इतिहास-क्षेत्र में प्रवेश किया जहाँ के भीषण अनुभवों को भव्य और दिव्य कहा गया था । उन्होंने उस मानव-विरोधी इतिहास की धज्जियाँ उडा दी । व्यंग्य उनकी रचना में तलवार की तरह रहा है और वे रहे हैं नए समाज की पुनर्रचना के लिए समर्पित एक योद्धा । मर्मभेदी दृष्टि, प्रौढ़ विचार और क्रन्तिकारी दर्शन ने उन्हें विश्व के महानतम रचनाकारों की श्रेणी में ला बिठाया है । ये कहानियां उनकी इसी तेजोमय यात्रा का प्रमाण जुटाती हैं ।

Yashpal

जन्म: 3 दिसम्बर, 1903, फिरोजपुर छावनी, पंजाब। शिक्षा: प्रारम्भिक शिक्षा गुरुकुल काँगड़ी, डी.ए.वी. स्कूल, लाहौर और फिर मनोहर लाल हाईस्कूल में हुई। सन् 1921 में वहीं से प्रथम श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। प्रारम्भिक जीवन रोमांचक कथाओं के नायकों-सा रहा। भगत सिंह, सुखदेव, भगवती चरण और आजाद के साथ क्रान्तिकारी कार्यों में खुलकर भाग लिया। सन् 1931 में 'हिन्दुस्तान समाजवादी प्रजातंत्र सेना' के सेनापति चन्द्रशेखर आजाद के मारे जाने पर सेनापति नियुक्त। 1932 में पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में गिरफ्तार। 1938 में जेल से छूटने के बाद जीवनपर्यन्त लेखन-कार्य में संलग्न रहे। प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ: झूठा सच: वतन और देश, झूठा सच: देश का भविष्य, मेरी तेरी उसकी बात, देशद्रोही, दादा कामरेड, मनुष्य के रूप, दिव्या, अमिता, बारह घंटे, अप्सरा का शाप (उपन्यास); धर्मयुद्ध, ओ भैरवी, उत्तराधिकारी, चित्र का शीर्षक, अभिशप्त, वो दुनिया, ज्ञानदान, पिंजरे की उड़ान, तर्क का तूफान, भस्मावृत चिंगारी, फूलो का कुर्ता, तुमने क्यों कहा था मैं सुन्दर हूँ, उत्तमी की माँ, खच्चर और आदमी, भूख के तीन दिन, लैम्प शेड (कहानी-संग्रह); लोहे की दीवार के दोनों ओर, राहबीती, स्वर्गोद्यान: बिना साँप (यात्रा-वृत्तान्त); मेरी जेल डायरी (डायरी); रामराज्य की कथा, गाँधीवाद की शव-परीक्षा, मार्क्सवाद; देखा, सोचा, समझा; चक्कर क्लब, बात-बात में बात, न्याय का संघर्ष, बीबी जी कहती हैं मेरा चेहरा रोबीला है, जग का मुजरा, मैं और मेरा परिवेश, यथार्थवाद और उसकी समस्याएँ, यशपाल का विप्लव (राजनीति/निबन्ध/व्यंग्य/संपादन); सिंहावलोकन (सम्पूर्ण 1-4 भाग) (संस्मरण); नशे-नशे की बात (नाटक); प्रिय पाश (पत्र)। पुरस्कार: देव पुरस्कार, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, मंगला प्रसाद पारितोषिक, पद्मभूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार। निधन: 26 दिसम्बर, 1976.
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