Bhule Bisare Chitra

Author:

Late Bhagwati Charan Verma

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs1181 Rs1495 21% OFF

Availability: Available

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2009
ISBN-13

9788126717088

ISBN-10 9788126717088
Binding

Hardcover

Number of Pages 495 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 668
भूले बिसरे चित्र एक महान् कृति, भारतीय समाज और परिवार के विकास की विविध दिशाओं और रूपों का एक विराट एवं प्रभावोत्पादक चित्र। -डॉ. एस. एन. गणेशन निकट अतीत के चित्रों का एक एलबम- वह अतीत जिसे वर्तमान पीढ़ी को न भूलना चाहिए और न जिससे विमुख ही होना चाहिए, क्योंकि उसी में हमारे नए जीवन का बीजारोपण हुआ था। परिवार के चित्रों के एलबम के विपरीत इस एलबम के चित्र धुँधले नहीं पड़े हैं, क्योंकि कैमरा एक ही रहा है। लैंसों का प्रयोग इस कुशलता से किया गया है कि चित्र बिल्कुल साफ और हूबहू अंकित हुए हैं, दूरी ने उन्हें धुँधला नहीं किया है, भावातिरेक या दुःख ने विकृत नहीं किया है। -जगदीशचन्द्र माथुर|

Late Bhagwati Charan Verma

जन्म: 30 अगस्त, 1903; उन्नाव जिले (उ.प्र.) का शफीपुर गाँव। शिक्षा: इलाहाबाद से बी.ए., एल.एल.बी.। प्रारम्भ में कविता-लेखन। फिर उपन्यासकार के नाते विख्यात। 1933 के करीब प्रतापगढ़ के राजा साहब भदरी के साथ रहे। 1936 के लगभग फिल्म कार्पोरेशन, कलकत्ता में कार्य। कुछ दिनों विचार नामक साप्ताहिक का प्रकाशन-सम्पादन। इसके बाद बम्बई में फिल्म-कथालेखन तथा दैनिक नवजीवन का सम्पादन। फिर आकाशवाणी के कई केन्द्रों में कार्य। बाद में, 1957 से मृत्यु-पर्यन्त स्वतंत्र साहित्यकार के रूप में लेखन। चित्रलेखा उपन्यास पर दो बार फिल्म-निर्माण और भूले-बिसरे चित्र ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ से सम्मानित। पद्मभूषण तथा राज्यसभा की मानद सदस्यता प्राप्त। प्रकाशित पुस्तकें: अपने खिलौने, पतन, तीन वर्ष, चित्रलेखा, भूले-बिसरे चित्र, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, सीधी सच्ची बातें, सामर्थ्य और सीमा, रेखा, वह फिर नहीं आई, सबहिं नचावत राम गोसाईं, प्रश्न और मरीचिका, चाणक्य, थके पाँव, युवराज चूण्डा, धुप्पल (उपन्यास); प्रतिनिधि कहानियाँ, मेरी कहानियाँ, मोर्चाबन्दी तथा सम्पूर्ण कहानियाँ (कहानी-संग्रह); मेरी कविताएँ, सविनय और एक नाराज कविता (कविता-संग्रह);मेरे नाटक, वसीयत (नाटक); अतीत के गर्त में, कहि न जाय का कहिए (संस्मरण);साहित्य के सिद्धान्त तथा रूप (साहित्यालोचन);भगवतीचरण वर्मा रचनावली–14 खंड (सम्पूर्ण रचनाएँ)। निधन: 5 अक्टूबर, 1981.
No Review Found
More from Author