Ullanghan (Hindi)

Author:

Rajesh Joshi

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2021
ISBN-13

9789390971824

ISBN-10 9390971829
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 128 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20X13X1
Weight (grms) 136

उल्‍लंघन संग्रह में कवि हुक्म-उदूली की अपनी प्राकृतिक इच्छा से आरम्भ करते हुए मौजूदा दौर की उन विवशताओं से अपनी असहमति और विरोध जताता है, जिन्हें सत्ता हमारी दिनचर्या का स्वाभाविक हिस्सा बनाने पर आमादा है। एक ऐसे समय में ‘जिसमें न स्मृतियाँ बची हैं/न स्वप्न और जहाँ लोकतंत्र एक प्रहसन में बदल रहा है/एक विदूषक किसी तानाशाह की मिमिक्री कर रहा है’—ये कविताएँ हमें निर्प्रश्न अनुकरणीयता के मायाजाल से निकलने का रास्ता भी देती हैं, और तर्क भी। कवि देख पा रहा है कि ‘सिकुड़ते हुए इस जनतंत्र में सिर्फ़ सन्देह बचा है’, ताक़त के शिखरों पर बैठे लोग नागरिकों को शक की निगाह से देखते हैं, तरह-तरह के हुक्मों से अपने को मापते हैं; कहते हैं कि साबित करो, तुम जहाँ हो वहाँ होने के लिए कितने वैध हो, और तब कविता जवाब देती है–‘ओ हुक्मरानो/मैं स्वर्ग को भूलकर ही आया हूँ इस धरती पर/तुम अगर मुझे नागरिक मानने से इनकार करते हो/तो मैं भी इनकार करता हूँ /इनकार करता हूँ तुम्हें सरकार मानने से!’ लगातार गहरे होते राजनीतिक-सामाजिक घटाटोप के विरुद्ध पिछले चार-पाँच सालों में जो स्वर मुखर रहते आए हैं, राजेश जोशी उनमें सबसे आगे की पाँत में रहे हैं। इस संग्रह की ज़्यादातर कविताएँ इसी दौर में लिखी गई हैं। कुछ कविताएँ महामारी के जारी दौर को भी सम्बोधित हैं जिसने सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने के सरकारी उद्यम पर जैसे एक औपचारिक मुहर ही लगा दी–‘सारी सड़कों पर पसरा है सन्नाटा/बन्द हैं सारे घरों के दरवाज़े/एक भयानक पागलपन पल रहा है दरवाज़ों के पीछे/दीवार फोड़कर निकल आएगा जो/किसी भी समय बाहर/और फैल जाएगा सारी सड़कों पर!’

Rajesh Joshi

18 जुलाई, 1946 नरसिंहगढ़, मध्य प्रदेश में जन्म। लम्बी कविता : समरगाथा; कविता-संग्रह : धूपघड़ी, नेपथ्य में हँसी, दो पंक्तियों के बीच, चाँद की वर्तनी, जिद। बच्चों के लिए कविताएँ :गेंद निराली मीठू की। कहानी-संग्रह : कपिल का पेड़, मेरी चुनी हुई कहानियाँ। एक आख्यान : किस्सा कोताह। दो आलोचना पुस्तकें : एक कवि की नोटबुक, एक कवि की दूसरी नोटबुक (समकालीनता और साहित्य)। नाटक : जादू जंगल, अच्छे आदमी, पाँसे और सपना मेरा यही सखी। बच्चों के लिए एक नाटक : ब्रह्मराक्षस का नाई।
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