Malushahi Mera Chhalia Buransh (Hindi)

Author :

Pragya

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2022
ISBN-13

9789392186783

ISBN-10 9392186789
Binding

Paperback

Edition 1st
Number of Pages 160 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22X14.5X1.5
Weight (grms) 175

‘मालूशाही...मेरा छलिया बुरांश’ संग्रह की नौ कहानियाँ यथार्थ के विविध रूप हैं। कहीं अच्छे आदमी का अपने भीतर के बुरे को पहचाना जाना है तो कहीं प्रतिकूल समय की नब्ज़ को टटोलना है। कोई कहानी शिक्षा के दरीचे को पाठक के लिए नए सिरे से खोलती है तो कोई माटी का राग छेड़ देती है। यथार्थ के अन्तर्विरोधी स्वरों को पकड़ना हो या फिर उसके भीतर प्रवाहित छिपी हुई धवल लहर को देख पाना-कथाकार प्रज्ञा की कहानियाँ उसे पाठक के सामने लाती रही हैं। प्रज्ञा की कहानियों के विषय विविध हैं। श्रमशील वर्ग से लेकर मध्यवर्ग, शहर से लेकर गाँव और उसके सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक परिवर्तनों को पकड़ने की दृष्टि प्रज्ञा के पास है। उपेक्षित हाशिए के विविध चेहरों को, उनकी आवाज़ों को कथाकार ने बेहद मज़बूती के साथ दर्ज कराया है। उनकी कहानियाँ हों या उपन्यास यह ख़ासियत उनमें देखी जा सकती है। प्रज्ञा के रचे किरदार अनेक समस्याओं से जूझते हैं पर उम्मीद का दामन नहीं छोड़ते। प्रतिरोध की ताक़त और उत्कट जिजीविषा के साथ वे हौसले की डोर थामे रहते हैं। कई बार टूटते भी हैं पर जीवन से भागते नहीं। परिवेश, शिल्प और बारीक़ बुनावट ‘मालूशाही...मेरा छलिया बुरांश’ की कहानियों में देखी जा सकती है। स्वाभाविक की आशा और नियत की अनिश्चितता से प्रज्ञा अपनी कहानियों का संसार बुनती हैं। इसीलिए उनकी अधिकांश कहानियाँ रहस्य और जिज्ञासा से भरी होकर पाठक को उस अन्त पर ले जाकर खड़ा करती हैं जो उसकी चेतना में लगभग कल्पनातीत होता है। कथा-रस से भरपूर प्रज्ञा की कहानियाँ तेज़ी से भाग रहे समय को न सिर्फ़ ठहरकर देखती हैं बल्कि उनका घटनाक्रम समकाल के विविध ज्वलंत सवालों को साफ़गोई से सामने रखता है। एक दशक से अधिक की अपनी कथा-यात्रा में प्रज्ञा ने अपने समकालीन कथाकारों के बीच अपनी स्वतंत्र पहचान बनाई है।

Pragya

जन्म: दिल्ली शिक्षा: दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में पी-एच.डी.। प्रकाशित कृतियाँ: कहानी संग्रह: तक़्सीम, मन्नत टेलर्स। उपन्यास: गदड़ बस्ती नाट्यालोचना से संबंधित किताबें: नुक्कड़ नाटक: रचना और प्रस्तुति, जनता के बीच: जनता की बात, नाटक से संवाद, नाटक: पाठ और मंचन, बाल-साहित्य: तारा की अलवर यात्रा । सामाजिक सरोकारों पर आधारित किताब: आईने के सामने. पुरस्कार: सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से 'तारा की अलवर यात्रा' को प्रथम पुरस्कार, वर्ष 2008. प्रतिलिपि डॉट कॉम, कथासम्मान 2015. 'तक्सीम' कहानी को प्रथम पुरस्कार. उपन्यास 'गूदड़ बस्ती' को मीरा स्मृति पुरस्कार 2016, स्टोरी मिरर डॉट कॉम कांटेस्ट-3, 2017, कहानी ‘पाप, तर्क और प्रायश्चित' को प्रथम पुरस्कार. कहानी-संग्रह 'तक्सीम' को प्रथम पुरस्कार। महेंद्र प्रताप स्मृति कथा पुरस्कार-2019 सम्प्रति: किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर।.
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