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Publisher | LOKBHARTI PRAKASHAN |
Publication Year | 2010 |
ISBN-13 | 9788180313004 |
ISBN-10 | 818031300X |
Binding | Paperback |
Number of Pages | 94 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 22 X 14 X 1 |
महादेवी वर्मा की हिन्दी काव्य-यात्रा में परिपक्वता की दृष्टि से 'नीरजा' का महत्त्वपूर्ण स्थान है। ‘नीरजा’ में बिलकुल परिपक्व भाषा में एक समर्थ कवि बड़े अधिकार के साथ और बड़े सहज भाव से अपनी बात कहता है। महादेवी जी के अनुसार, “ ‘नीरजा’ में जाकर गीति का तत्त्व आ गया, मुझमें और मैंने मानो दिशा भी पा ली है।”
Mahadevi Verma
LOKBHARTI PRAKASHAN