Publisher |
Rajkamal Parkashan Pvt Ltd |
Publication Year |
2007 |
ISBN-13 |
9788126705153 |
ISBN-10 |
9788126705153 |
Binding |
Hardcover |
Number of Pages |
211 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20 x 14 x 4 |
Weight (grms) |
380 |
समय का संक्षिप्त इतिहास स्टीफेन हॉकिंग की यह पुस्तक विज्ञान-लेखन की दुनिया में अपनी लोकप्रियता के कारण अतिविशिष्ट स्थान रखती है। वर्ष 1988 में अपने प्रकाशन के मात्र दस वर्षों की अवधि में इस पुस्तक की 10 लाख से ज़्यादा प्रतियाँ बिकीं और आज भी जिज्ञासा की दुनिया में यह पुस्तक बदस्तूर अपनी जगह बनाए हुए है। ब्रह्मांड की उत्पत्ति किस प्रकार हुई, यह कहाँ से आया और क्या यह शाश्वत है या किसी ने बाकायदा इसकी रचना की है? बुद्धिचालित मनुष्य का उद्भव एक सांयोगिक घटना है या फिर मनुष्य के लिए ब्रह्मांड की रचना की गई, ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो सदा से हमें विचलित-उत्कंठित करते रहे हैं। यह पुस्तक इन सवालों का उत्तर देने का प्रयास करती है। इसमें आरम्भिक भू-केन्द्रिक ब्रह्मांडिकियों से लेकर बाद की सूर्य-केन्द्रिक ब्रह्मांडिकियों से होते हुए एक अनन्त ब्रह्मांड अथवा अनन्त रूप से विस्तृत अनेक ब्रह्मांडों तथा कृमि-छिद्रों की परिकल्पनाओं तक की हमारी विकास-यात्रा का संक्षिप्त और सरलतम वर्णन किया गया है। इस संस्करण में पिछले दशक में ब्रह्मांडिकी के क्षेत्र में हासिल की गई नई सूचनाओं और नतीजों को भी सम्मिलित कर लिया गया है। लेखक ने इसके प्रत्येक अध्याय को पूर्णतया परिवर्द्धित करते हुए इस संस्करण में प्राक्कथन के साथ-साथ वर्म होल और काल-यात्रा पर एक नितान्त नवीन अध्याय भी सम्मिलित किया है।
Stephen Hawking
In 1963, Stephen Hawking contracted motor neurone disease and was given two years to live. Yet he went on to Cambridge to become a brilliant researcher and Professorial Fellow at Gonville and Caius College. For thirty years he held the post of Lucasian Professor of Mathematics and Theoretical Physics at Cambridge, the chair held by Isaac Newton in 1663. Professor Hawking has over a dozen honorary degrees, was awarded the CBE in 1982. He is a fellow of the Royal Society and a Member of the US National Academy of Science.
Stephen Hawking
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