The Liberation of Sita ( Marathi)

Author :

Volga

Publisher:

Manjul Publishing House Pvt Ltd

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Publisher

Manjul Publishing House Pvt Ltd

Publication Year 2021
ISBN-13

9789390924332

ISBN-10 9390924332
Binding

Paperback

Number of Pages 124 Pages
Language (Marathi)
Dimensions (Cms) 13 x 20 x 0.5
Weight (grms) 115
या पुस्तकातून वोल्गा आपल्याला सीतेची गाथा सांगतात. पुरुषोत्तम रामाने त्यागलेल्या पत्नीची कथा आहे ही. यातून आत्माविष्काराच्या विलक्षण कष्टप्रद मार्गावर झालेली तिची वाटचाल आपल्या समोर येते. अडवणूक करणार्‍या प्रत्येक बंधनातून स्वतःला मुक्त करणार्‍या इतर काही अलौकिक स्त्रियांना ती या वाटेवर भेटते. एका अनपेक्षित निग्रहाच्या दिशेने त्या सीतेला घेऊन जातात. त्या दरम्यान, अयोध्येचा आदर्श राजा राम आणि आपल्या पत्नीवर प्रेम करणारा निष्ठावंत पती या दोन भूमिकांचा पुनर्विचार करण्याची वेळ रामावरसुद्धा येते. आपलं जीवन आणि अनुभव यांकडे नव्या दृष्टीने बघण्याची ताकद स्त्रियांना या पुस्तकातून निश्चितच मिळते. हे पुस्तक म्हणजे स्त्रीवाद पुरस्कृत करताना वोल्गा यांच्याकडून आकाराला आलेली अप्रतिम गुंफण आहे.

Volga

वोल्गा सामयिक तेलुगु साहित्य की सबसे उल्लेखनीय हस्तियों में से हैं। उनकी लगभग पचास प्रकाशित रचनाओं में उपन्यास, नाटक, लघु कथा संग्रह, निबंध व काव्य संग्रह और अनुवाद शामिल हैं। वह अस्मिता रिसोर्स सेंटर फ़ॉर विमेन की कार्यकारी अध्यक्ष और संस्थापक सदस्य हैं। वोल्गा ने काव्य संकलन नीलि मेघुलु का संपादन किया है और सरिहदुलु लेनि संध्यालु का सह-संपादन किया है, जो आंध्र प्रदेश की नारीवादी राजनीतिक परिपाटी से जुड़ी है। उन्होंने सरमसम पुस्तक का सह-लेखन भी किया है, जो ताड़ी के विरुद्ध चलने वाले संघर्ष का वर्णन करती है। उन्होंने आंध्र प्रदेश के इतिहास को आकार देने वाली महिलाओं का उल्लेख करने वाली महिलावरणम/वुमनस्केप का भी सह-लेखन किया है। वोल्गा को अपने कार्य के लिए कर्इ सम्मान मिले हैं, जिनमें पोट्टि श्रीरामुलु तेलुगु यूनिवर्सिटी से बेस्ट राइटर, रंगवल्लि मेमोरियल अवॉर्ड, रामिनेमि फ़ाउंडेशन अवॉर्ड, मालती चंदुर अवॉर्ड, विसाला साहिति पुरस्कारम्, सुशीला नारायण रेड्डी अवॉर्ड, कंदुकुरि वीरेसलिंगम लिटरेरि अवॉर्ड, लोकनायक फ़ाउंडेशन अवॉर्ड और लैंगिक संवेदनशीलता के लिए मिलने वाला साउथ एशिया लाडली मीडिया ऐंड एडवर्ंटाज़िंग अवॉर्ड शामिल हैं। उन्हें अपने उपन्यास विमुक्ता के लिए 2015 में साहित्य अकादमी पुस्कार से सम्मानित किया गया। इस उपन्यास का अंग्रेज़ी अनुवाद द लिबरेशन ऑफ़ सीता हार्पर पेरेनियल द्वारा प्रकाशित किया गया।
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