Yashodhara: A Novel (Marathi)

Author :

Volga

Publisher:

Manjul Publishing House Pvt Ltd

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Publisher

Manjul Publishing House Pvt Ltd

Publication Year 2024
ISBN-13

9789389647716

ISBN-10 9389647711
Binding

Paperback

Number of Pages 184 Pages
Language (Marathi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 1500

या कांदबरीत गौतम बुद्धाच्या प्रत्यक्ष आयुष्यातल्या अशा काही रिकाम्या जागा अत्यंत कल्पकतेने आणि काही तीव्र भावनिक प्रसंगांच्या, भावनिक संघर्षांच्या आधाराने भरून काढण्यात आल्या आहेत. सिद्धार्थला एका वाटिकेत भेटलेली ही तरुणी कोण होती आणि जगाकडे पाहण्याचा तिचा दृष्टिकोन कशामुळे बदलत गेला? वयाच्या सोळाव्या वर्षी तिने सिद्धार्थशी विवाह केला. त्या वेळी तिला कल्पना तरी होती का की, अगदी थोड्याच काळानंतर तिचं वैवाहिक आयुष्य एक अगदी संपूर्ण अपरिचित असं वळण घेणार आहे? या स्त्री-पुरुष समान नात्याचा पुरस्कार करणार्या कादंबरीतून आपल्याला भेटणारी यशोधरा ही बुद्धिमान आणि दयाळू वृत्तीची आहे आणि आध्यात्मिक बाबतीतलं ज्ञान पुरुषांच्या बरोबरीने स्त्रियांनाही मिळायला हवं, हा विचार समाज मनात रुजवून स्त्रियांना त्या वाटा मोकळ्या करून देण्याचा ध्यास तिच्या मनाने घेतलेला आहे.

Volga

वोल्गा सामयिक तेलुगु साहित्य की सबसे उल्लेखनीय हस्तियों में से हैं। उनकी लगभग पचास प्रकाशित रचनाओं में उपन्यास, नाटक, लघु कथा संग्रह, निबंध व काव्य संग्रह और अनुवाद शामिल हैं। वह अस्मिता रिसोर्स सेंटर फ़ॉर विमेन की कार्यकारी अध्यक्ष और संस्थापक सदस्य हैं। वोल्गा ने काव्य संकलन नीलि मेघुलु का संपादन किया है और सरिहदुलु लेनि संध्यालु का सह-संपादन किया है, जो आंध्र प्रदेश की नारीवादी राजनीतिक परिपाटी से जुड़ी है। उन्होंने सरमसम पुस्तक का सह-लेखन भी किया है, जो ताड़ी के विरुद्ध चलने वाले संघर्ष का वर्णन करती है। उन्होंने आंध्र प्रदेश के इतिहास को आकार देने वाली महिलाओं का उल्लेख करने वाली महिलावरणम/वुमनस्केप का भी सह-लेखन किया है। वोल्गा को अपने कार्य के लिए कर्इ सम्मान मिले हैं, जिनमें पोट्टि श्रीरामुलु तेलुगु यूनिवर्सिटी से बेस्ट राइटर, रंगवल्लि मेमोरियल अवॉर्ड, रामिनेमि फ़ाउंडेशन अवॉर्ड, मालती चंदुर अवॉर्ड, विसाला साहिति पुरस्कारम्, सुशीला नारायण रेड्डी अवॉर्ड, कंदुकुरि वीरेसलिंगम लिटरेरि अवॉर्ड, लोकनायक फ़ाउंडेशन अवॉर्ड और लैंगिक संवेदनशीलता के लिए मिलने वाला साउथ एशिया लाडली मीडिया ऐंड एडवर्ंटाज़िंग अवॉर्ड शामिल हैं। उन्हें अपने उपन्यास विमुक्ता के लिए 2015 में साहित्य अकादमी पुस्कार से सम्मानित किया गया। इस उपन्यास का अंग्रेज़ी अनुवाद द लिबरेशन ऑफ़ सीता हार्पर पेरेनियल द्वारा प्रकाशित किया गया।
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