Publisher |
Manjul Publishing House Pvt Ltd |
Publication Year |
2024 |
ISBN-13 |
9788183227858 |
ISBN-10 |
8183227856 |
Binding |
Paperback |
Number of Pages |
176 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
20 x 14 x 4 |
Weight (grms) |
1500 |
भक्ति के भक्त का सुन्दर जीवन
दक्षिणेश्वर में स्थित कालीमाता मंदिर के पुजारी श्री रामकृष्ण परमहंस, सदा ह्रदय के तल पर रहते थे. उनका जीवन भक्ति से सराबोर है. यह पुस्तक ऐसे भक्ति के भक्त की जीवनी व शिक्षाओं को प्रस्तुत करती है. यह पुस्तक ऐसे भक्ति के भक्त की जीवनी व शिक्षाओं को प्रस्तुत करती है. इसमें रामकृष्ण परमहंस के बचपन से लेकर दक्षिणेश्वर तक के किस्सों को बहुत ही रोचक तरीके से दर्शाया गया है.सुंदर और सरल शैली में लिखी गई यह पुस्तक रामकृष्ण और उनके शिष्यों के बीच हुई अनोखी बातचीत के पीछे छिपे गूढ़ ज्ञान को सहजता से सामने लाती है. रामकृष्ण परमहंस किस प्रकार अपने शिष्यों की परीक्षा लेते, इन खटटे-मीठे किस्सों को इस पुस्तक में बड़ी सुंदरता से दर्शाया गया है.
उनकी सीधी-सच्ची बातें और निर्लिप्त ज्ञान, लोगों में आज भी भक्ति जागृत करता है.आइए उनकी जीवनी पढ़कर भक्ति, विश्वास और सराहना करना सीखें.
Sirshree
सरश्री की आध्यात्मिक खोज का सफर उनके बचपन से प्रारंभ हो गया था i इस खोज के दौरान उन्होंने अनेक प्रकार की पुस्तकों का अध्ययन किया i इसके साथ ही अपने आध्यात्मिक अनुसंधान के दौरान अनेक ध्यान पद्धतियों का अभ्यास किया i उनकी इसी खोज ने उन्हें कई वैचारिक और शैक्षणिक संस्थानों की ओर बढ़ाया i जीवन का रहस्य समझने के लिए उन्होंने एक लम्बी अवधि तक मनन करते हुए अपनी खोज जारी रखी, जिसके अंत में उन्हें आत्मबोध प्राप्त हुआ i सरश्री ने दो हज़ार से अधिक प्रवचन दिए हैं और सत्तर से अधिक पुस्तकों की रचना की है, जिन्हें दस से अधिक भाषाओँ में अनुवादित किया जा चुका है i
Sirshree
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