Tarkash

Author:

Javed Akhtar

Publisher:

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Rs406 Rs495 18% OFF

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Publisher

Rajkamal Parkashan Pvt Ltd

Publication Year 2016
ISBN-13

9788126707270

ISBN-10 8126707275
Binding

Hardcover

Number of Pages 164 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 20 x 14 x 4
Weight (grms) 330

तरकश’ जावेद अख़्तर की शायरी का मज्मूआ है। एक ऐसा मज्मूआ जिसमें जावेद अख़्तर की संजीदा सोच और उनकी संवेदनशीलता का मुग्धकारी अन्दाज़ मिलता है। जावेद अख़्तर की शायरी एक औद्योगिक नगर की शहरी सभ्यता में जीनेवाले एक शायर की शायरी है। बेबसी और बेचारगी, भूख और बेघरी, भीड़ और तन्हाई, वंदगी और जुर्म, नाम और गुमनामी, पत्थर से फुटपाथों और शीशे की ऊँची इमारतों से लिपटी तहजीब न सिर्फ़ शायर की सोच बल्कि उसकी ज़बान और लहज़े पर भी प्रभावी होती है। जावेद की शायरी एक ऐसे इनसान की भावनाओं की शायरी है, जिसने वक़्त के अनगिनत रूप अपने भरपूर रंग में देखे हैं, जिसने ज़िन्दगी के सर्द-गर्म मौसमों को पूरी तरह महसूस किया है, जो नंगे पैर अंगारों पर चला है, जिसने ओस में भींगे फूलों को चूमा और हर कड़वे-मीठे जज्बे को चखा है, जिसने नुकीले से नुकीले अहसास को छूकर देखा है और जो अपनी हर भावना और अनुभव को बयान करने की शक्ति रखता है। ‘तरकश’ की रचनाएँ इस बात का पुख्ता प्रमाण हैं कि जावेद अख़्तर ज़िन्दगी को अपनी आँखों से देखते हैं। उनकी शायरी एक आवाज़ है, किसी और अन्दाज़ की अनुगूँज नहीं।

Javed Akhtar

शायर, पटकथाकार और गीतकार जावेद अख़्तर ऐसे गिने-चुने लोगों में हैं जो व्यावसायिक सिनेमा से लेकर शायरी और अदब तक की दुनिया में एक विशेष महत्‍व रखते हैं। भारतीय सिनेमा के इतिहास में जावेद अख़्तर का योगदान ज़ंजीर, दीवार और शोले जैसी फ़िल्मों के कालातीत महत्‍व से आँका जाता है जिनकी पटकथाएँ उन्होंने सलीम ख़ाँ के साथ मिल कर लिखी थीं। उर्दू और हिन्दी में प्रकाशित उनके कविता-संग्रह तरकश को हर तरह की सफलता मिली है। उन्होंने ऐसे फ़िल्मी गीत लिखे हैं जिनका न केवल अनुकरण किया गया बल्कि उनसे नयी परम्परा की शुरुआत भी हुई। आज सिनेमा और साहित्य के क्षेत्र में जावेद अख़्तर अत्यन्त सफल और सम्माननीय व्यक्ति हैं।
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