Aaydakki Marayya-Aaydakki Lakkamma

Author :

Kashinath Ambalge

Publisher:

LOKBHARTI PRAKASHAN

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Publisher

LOKBHARTI PRAKASHAN

Publication Year 2019
ISBN-13

9788194364894

ISBN-10 8194364892
Binding

Hardcover

Number of Pages 80 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22 X 14.5 X 1

अहंकार की भक्ति से धन का नाश


क्रियाहीन बातों से ज्ञान का नाश


दान दिए बिना दानी कहलाना केश बिना शृंगार जैसा


दृढ़ताहीन भक्ति तलहीन कुंभ में पूजा जल भरने जैसी


मारय्यप्रिय अमरेश्वरलिंग को यह न छूनेवाली भक्ति है॥


कायक की कमाई समझ भक्त दान की कमाई से


दासोह कर सकते हैं कभी?


इक मन से लाकर इक मन से ही


मन बदलने से पहले ही


मारय्यप्रिय अमरेश्वरलिंग को


समर्पित करना चाहिए मारय्या॥


जो मन से शुद्ध नहीं, उसमें धन की ग़रीबी हो सकती है,


चित्त शुद्धि से कायक करनेवाले


सद्भक्तों को तो जहाँ देखो वहाँ लक्ष्मी अपने आप मिलेगी


मारय्यप्रिय अमरेश्वरलिंग की सेवा में लगे रहने तक॥


—लक्कमा


कायक में मग्न हो तो


गुरुदर्शन को भी भूलना चाहिए।


लिंग पूजा को भी भूलना चाहिए।


जंगम सामने होने पर भी उसके दाक्षिण्य में न पड़ना चाहिए।


कायक ही कैलास होने के कारण


अमरेश्वरलिंग को भी कायक करना है॥


—मारय्या


दो नयनों की भक्ति एक दृष्टि में देखने की तरह सती-पति एक भक्ति में देखने से गुहेश्वर को भक्ति स्वीकार है।

Kashinath Ambalge

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