Channabasavanna : Gyan Ki Nidhi

Author :

Kashinath Ambalge

Publisher:

LOKBHARTI PRAKASHAN

Rs225 Rs300 25% OFF

Availability: Available

Shipping-Time: Usually Ships 1-3 Days

    

Rating and Reviews

0.0 / 5

5
0%
0

4
0%
0

3
0%
0

2
0%
0

1
0%
0
Publisher

LOKBHARTI PRAKASHAN

Publication Year 2019
ISBN-13

9789389742039

ISBN-10 938974203X
Binding

Hardcover

Number of Pages 136 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 22 X 14.5 X 1.5

छोटा होने से क्या हुआ? या बड़ा होने से?


ज्ञान के लिए क्या छोटे-बड़े में अन्तर है?


आदि-अनादि से पूर्व, अंडांड


ब्रह्मांड कोटि के उत्पन्न होने से पूर्व


गुहेश्वर लिंग में तुम ही अकेले एक महाज्ञानी


दिखाई पड़े, देखो जी, हे चन्नबसवण्णा!


 


भक्त को शान्तचित्त रहना चाहिए


अपनी स्थिति में सत्यवान रहना चाहिए


सबके हित में वचन बोलना चाहिए


जंगम में निन्दा रहित होकर


सभी प्राणियों को अपने समान मानना चाहिए


तन मन धन, गुरु लिंग जंगम के लिए समर्पित करना चाहिए।


अपात्र को दान न देना चाहिए


सभी इन्द्रियों को अपने वश में रखना चाहिए


यही पहला आवश्यक वृतनेम है देखो


लिंग की पूजा कर प्रसाद पाने के लिए यही मेरे लिए साधन है।

Kashinath Ambalge

No Review Found
More from Author