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Publisher | V & S Publishers |
Publication Year | 2017 |
ISBN-13 | 9789350576304 |
ISBN-10 | 9350576309 |
Binding | Paperback |
Edition | FIRST |
Number of Pages | 65 Pages |
Language | (Hindi) |
Dimensions (Cms) | 21x14x0.5 |
Weight (grms) | 146 |
यह दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का माना हà¥à¤† सच है कि बेटी में माठका ही सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª होता है। वह उसी से शकà¥à¤¤à¤¿ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करती है। इसीलिठबेटी के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ माठके दायितà¥à¤µ उसके जीवन को सबल, सारà¥à¤¥à¤• और सकà¥à¤·à¤® बनाते हैं। à¤à¤¸à¥‡ मे माठही बेटी की सचà¥à¤šà¥€ सहेली बनकर हर पहलू से उसकी तमाम जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾à¤“ं और संदेहों का समाधान करती है। माठका मितà¥à¤°à¤µà¤¤ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° ही उसके संकोचो को मिटा कर उसे खà¥à¤²à¤•र बात करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देते है
और उसे अचà¥à¤›à¥‡-बà¥à¤°à¥‡ की पहचान कराकर जीवन मे संघरà¥à¤· करने और अपना सà¥à¤¦à¥ƒà¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बनाने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। यह मैतà¥à¤°à¥€ ही इस पौधे की परविश कर उसे —परिवार और समाज के लिठयानी कà¥à¤¶à¤², मेहनती और सà¥à¤¸à¤‚सà¥à¤•ृत बनाती है।
इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में समाज की सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ धरोहर बेटी के लिठमाठको à¤à¤¸à¥‡ ही दिशा
निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिठगठहैं। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पढ़कर और इसमें बताठगठतौर-तरीकों को अपनाकर, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• माठअपनी बेटी के वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को निखारने और उसकी जीवन शैली को तैयार करने के अपने दायितà¥à¤µ का निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ कर सकेंगी।
Sheela Saluja
,Chunni Lal Saluja
V & S Publishers