Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2016 |
ISBN-13 |
9789381448618 |
ISBN-10 |
9789381448618 |
Binding |
Paperback |
Edition |
First |
Number of Pages |
194 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21.5x14x0.8 |
Weight (grms) |
192 |
आज के दांपत्य जीवन में प्रगतिशील सोच विकसित होने के बावजूद जटिलताएं वैसे ही वैसे बरकरार हैं। कही परस्पर अहम् की तुष्टि नहीं हो पाती, तो कही स्वभाभिमान आपस में टकराने लगता हैं। पति - पत्नी परिवार और वैवाहिक जीवन में रिश्ते अहंकार, पूर्वाग्रह, और वजर्नन कुंथान ऐसी नकारात्मक स्थितियां हैं, जिनसे बचना बहुत आवश्यक है। आपसी समझ सुख और समृद्धि प्रदान कर सकती है। इस दिशा में यह पुस्तक प्रयास सार्थक है। संयुग्मित आज - परिवार और प्रगतिशील रिश्तों में प्रगतिशील सोच की जटिलताओं के बावजूद जिस तरह से यह बना रहा। आइये , इन समाधानों को निष्थापूर्वक आपनाये , एक दूसरे के अस्तित्व का सम्मान करे।
Sheela Saluja
शीला सलूजा स्त्री विषयों की गहरी सूझ-बुझ रखने वाली प्रखर लेखिका है गृहशोभा , मनोरमा, सरिता, अमर उजाला, ट्रिब्यून, राजस्थान पत्रिका, जागरण, ग्रहलक्षमी जैसी देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं मे उनकी ३५० से भी अधिक रचनाओ प्रकाशित हो चुकी है
इसी प्रकार शिक्षा तथा समाज एवं मनोविज्ञान विषयो मे पारंगत लेखक चुन्नीलाल सलूजा की ३३ वर्षो मे लगभग १६०० रचनाएँ छप चुकी है राष्ट्रपति पदक तथा अन्य अनेक पुस्तकारो द्वारा सम्मानित लेखक पत्नी शीला जी के साथ तथा स्वतंत्र लेखक के तौर पर अभी तक इनकी आधा दर्जन से अधिक पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है
Chunni Lal Saluja
शिक्षा शास्त्री तथा समाज एवं मनोविज्ञान विषयों मे पारंगत लेखक चुन्नीलाल सलूजा की ३३ वर्षो मे लगभग १६०० रचनाएं छप चुकी है रास्ट्रपति पदक तथा अन्य अनेक पुरस्कारों द्वारा सम्मानित लेखक पत्नी शीला जी के साथ तथा अलग से अभी तक इनकी आधा दर्जन से अधिक पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है
Sheela Saluja
,Chunni Lal Saluja
V & S Publishers