बेटी की सच्ची सहेली माँ

Author:

Sheela Saluja

,

Chunni Lal Saluja

Publisher:

V & S Publishers

Rs176 Rs195 10% OFF

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Publisher

V & S Publishers

Publication Year 2016
ISBN-13

9789381448700

ISBN-10 9789381448700
Binding

Paperback

Edition FIRST
Number of Pages 134 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 21x13x0.5
Weight (grms) 176
यह दुनिया का माना हुआ सच है कि बेटी में मां का ही स्वरूप निर्मित होता है। वह उसी से शक्ति ग्रहण करती है। इसीलिए बेटी के प्रति मां के दायित्व उसके जीवन को सबल, सार्थक और सक्षम बनाते हैं। ऐसे में मां ही बेटी की सच्ची मित्र बनकर हर पहलू से उसकी तमाम जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान करती है। मां का मित्रवत व्यवहार ही उसके संकोचों को मिटा कर उसे खुलकर बात करने की प्रेरणा देता है और उसे अच्छे-बुरे की पहचान कराकर जीवन में संघर्ष करने और अपना सुदृढ़ स्थान बनाने की क्षमता प्रदान करता है। यह मैत्री ही इस पौधों की परवरिश कर उसे घर-परिवार और समाज के लिए यानी कुशल, कर्मठ और संस्कारवान बनाती है। इस पुस्तक में समाज की सबसे महत्त्वपूर्ण धरोहर बेटी के लिए मां को ऐसे ही दिशा निर्देश दिए गए हैं। इन्हें पढ़कर और इसमें बताए गए तौर-तरीकों को अपनाकर प्रत्येक मां अपनी बेटी के व्यक्तित्व को निखारने और उसकी जीवनशैली को संवारने में अपने दायित्व का निर्वाह कर सकेगी।

Sheela Saluja

शीला सलूजा स्त्री विषयों की गहरी सूझ-बुझ रखने वाली प्रखर लेखिका है गृहशोभा , मनोरमा, सरिता, अमर उजाला, ट्रिब्यून, राजस्थान पत्रिका, जागरण, ग्रहलक्षमी जैसी देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं मे उनकी ३५० से भी अधिक रचनाओ प्रकाशित हो चुकी है इसी प्रकार शिक्षा तथा समाज एवं मनोविज्ञान विषयो मे पारंगत लेखक चुन्नीलाल सलूजा की ३३ वर्षो मे लगभग १६०० रचनाएँ छप चुकी है राष्ट्रपति पदक तथा अन्य अनेक पुस्तकारो द्वारा सम्मानित लेखक पत्नी शीला जी के साथ तथा स्वतंत्र लेखक के तौर पर अभी तक इनकी आधा दर्जन से अधिक पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है

Chunni Lal Saluja

शिक्षा शास्त्री तथा समाज एवं मनोविज्ञान विषयों मे पारंगत लेखक चुन्नीलाल सलूजा की ३३ वर्षो मे लगभग १६०० रचनाएं छप चुकी है रास्ट्रपति पदक तथा अन्य अनेक पुरस्कारों द्वारा सम्मानित लेखक पत्नी शीला जी के साथ तथा अलग से अभी तक इनकी आधा दर्जन से अधिक पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है
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