Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2020 |
ISBN-13 |
9789381448731 |
ISBN-10 |
9789381448731 |
Binding |
Paperback |
Edition |
FIRST |
Number of Pages |
164 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21x14x0.5 |
Weight (grms) |
204 |
पथ्य-अपथ्य के बारे में सोच-विचार कर बीमारियों के अनुसार उस पर अमल करने से स्वस्थ, सूंदर और सुखी रहने में निष्चय ही सफलता मिलती है। इलाज अपनी जगह है, लेकिन पथ्य के पालन का महत्व अलग है। बहुत बार पथ्य यानी परहेज से ही दवाई के बिना भी रोग दूर हो जाता है। अपथ्य यानी बदपरहेजी असरदार चिकित्सा को भी बेकार कर देती है। इसलिए कहा गया है, योग्य आहार तंदुरुस्ती, मनोबल और आत्मबल में वृद्धि करता है। अधिकतर गलत खान-पान व शारीरिक श्रम की कमी ही बीमारियों की जड़ है। यदि इसे संतुलित और संयमित कर लिया जाए, तो बीमारी स्वत: ही ठीक होनी शुरू हो जाती है। इसलिए पथ्य-अपथ्य पर जोर दिया जाता है। इस पुस्तक का उदेश्य घर-घर में यह संदेश पहुँचाना है कि किस बीमारी में क्या खाएं और किस से परहेज करे तथा इसमें स्वास्थ रक्षा के सहायक उपाय भी दिए गए है।
Dr. Prakash Chandra Gangrade
डॉ. प्रकाशचंद्र गंगराड़े की लगभग 350 रचनाओं ने देश की अनेक प्रतिष्ठा पत्र-पत्रिकाओं मे स्थान बनाया है। यूनीवार्ता एवं पब्लिकेशन सिटीकेट जैसी एजेंसियों के माध्यम से भी इनकी रचनाएं प्रकाश मे आई है। आकाशवाणी भोपाल केंद्र से इनकी 75 से अधिक वार्ताएं प्रसारित हो चुकी है। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओ मे अनेक पुरस्कार प्राप्त कर इन्होने विघारत्न, साहित्यालंकार, साहित्य कला विघालंकार, साहित्यश्री जैसी उपाधियाँ प्राप्त करने मे भी सफलता पाई है। अपने सुलेखन के लिए सभी के बीच निरंतर प्रशंशित हुए है।
Dr. Prakash Chandra Gangrade
V & S Publishers