Publisher |
V & S Publishers |
Publication Year |
2014 |
ISBN-13 |
9789381448465 |
ISBN-10 |
9789381448465 |
Binding |
Paperback |
Edition |
First |
Number of Pages |
200 Pages |
Language |
(Hindi) |
Dimensions (Cms) |
21.5x13.7x1 |
Weight (grms) |
176 |
आज सभी तरह के लोगों में स्वास्थ्य संबंधी गलतफहमियां व्यापक रूप से फैली हुई हैं। ये धारणाएं उन्हें अपने बुज़ुर्गों से संस्कार में मिली हुई होती हैं, जिन पर वे आंख मूंदकर विश्वास कर लेते हैं। यह उनकी अज्ञानता और संदेह की प्रवृत्ति के कारण ही है। वे चाहते ही नहीं कि इनका ठोस वैज्ञानिक आधार पता करके गलत-सही, उचित-अनुचित का पता लगाएं। ऐसा न करने से स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही अवश्यंभावी है। ऊपर शुरू में दी गई बानगियों से आप सहज ही समझ गए होंगे कि ये वास्तव में गलत धारणाएं हैं। इनका वैज्ञानिक पक्ष क्या है और इनके पीछे की सच्चाई कौन-सी है? इन्हें अच्छी तरह समझना होगा, तभी तमाम गलतफहमियां दूर होंगी और आप लाभान्वित होकर स्वस्थ जीवन जी सकेंगे। यही इस पुस्तक का विषय और यही इसका उद्देश्य है।
Dr. Prakash Chandra Gangrade
डॉ. प्रकाशचंद्र गंगराड़े की लगभग 350 रचनाओं ने देश की अनेक प्रतिष्ठा पत्र-पत्रिकाओं मे स्थान बनाया है। यूनीवार्ता एवं पब्लिकेशन सिटीकेट जैसी एजेंसियों के माध्यम से भी इनकी रचनाएं प्रकाश मे आई है। आकाशवाणी भोपाल केंद्र से इनकी 75 से अधिक वार्ताएं प्रसारित हो चुकी है। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओ मे अनेक पुरस्कार प्राप्त कर इन्होने विघारत्न, साहित्यालंकार, साहित्य कला विघालंकार, साहित्यश्री जैसी उपाधियाँ प्राप्त करने मे भी सफलता पाई है। अपने सुलेखन के लिए सभी के बीच निरंतर प्रशंशित हुए है।
Dr. Prakash Chandra Gangrade
V & S Publishers