Hinduo Ke Vrat-Parv Evam Teej Tyohar

Author:

Dr. Prakash Chandra Gangrade

Publisher:

V & S Publishers

Rs236 Rs295 20% OFF

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Publisher

V & S Publishers

Publication Year 2012
ISBN-13

9789381448212

ISBN-10 9789381448212
Binding

Paperback

Edition First
Number of Pages 216 Pages
Language (Hindi)
Dimensions (Cms) 24x18.5x1
Weight (grms) 370
हिन्दू जन-मानस की आवश्यकता तथा उनकी रुचि को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। पुस्तक में हिन्दू धर्म-ग्रंथों के आधार पर आवश्यकतानुसार प्रामाणिक जानकारी दी गई है। व्रत, पर्व एवं त्योहारों के आध्यात्मिक पक्ष को वैज्ञानिक तथ्यों द्वारा यथास्थान पुष्ट किया गया है। इस पुस्तक की उपज कई संपादकों, समीक्षकों एवं विद्वत्जनों द्वारा किए गए शोधों का एक परिणाम है। व्रत एवं त्योहार भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की धरोहर हैं। धर्म-प्राण भारत में व्रत, पर्व एवं त्योहारों के मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य है मनुष्य और मनुष्य के बीच, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करना। ये मानव मन में नवोन्मेष लेकर आते हैं, लोक के साथ परलोक सुधारने की प्रेरणा देते हैं। जीवन को संतुलित रखते हुए खालीपन को कोसों दूर ले जाते हैं। ये मनुष्य को तपोभूत कर उसे शुभ कार्यों की तरफ अग्रसरित करते हैं। भारतीय जनमानस को समय-समय पर एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य व्रत, पर्व एवं त्योहार ही करते हैं। व्रतोपवास आत्मशोधन का एक सर्वश्रेष्ठ उपाय है, शक्ति का उत्तम स्रोत है। ब्रह्मचर्य, एकांतवास, मौन एवं आत्मनिरीक्षण आदि की विधा संपन्न करने का सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। जीवन के उत्थान और विकास की अद्भुत शक्ति, आत्मविश्वास और अनुशासन की भावना भी वस्तुतः व्रत नियम के पालन से ही आती है। वेदों के मतानुसार व्रत और उपवास के नियम पालन से शरीर को तपाना ही तप है। इससे मानव जीवन सफल होता है। पुस्तक की विशेषता यह है कि भारतवर्ष में सैकड़ों वर्षों से मनाए जाने वाले व्रत एवं त्योहार जैसे- गणगौर/गौरी तृतीया, निर्जला एकादशी, गुरु पूर्णिमा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, नवरात्र/दुर्गा पूजन, करवा चौथ, अहोई अष्टमी, देवोत्थानी एकादशी, महाशिवरात्रि, श्री सत्यनारायण व्रत कथा, सोलह सोमवार, शुक्रवार व्रत तथा त्योहारों के अतिरिक्त सैकड़ों अन्य व्रतों एवं त्योहारों को महीनों के अनुसार चित्रों द्वारा सुसज्जित किया गया है। व्रतों के अतिरिक्त होली, दीपावली, दशहरा, रक्षाबंधन, शिवरात्रि, गंगा स्नान आदि पर्वों का भी सचित्र वर्णन है।

Dr. Prakash Chandra Gangrade

डॉ. प्रकाशचंद्र गंगराड़े की लगभग 350 रचनाओं ने देश की अनेक प्रतिष्ठा पत्र-पत्रिकाओं मे स्थान बनाया है। यूनीवार्ता एवं पब्लिकेशन सिटीकेट जैसी एजेंसियों के माध्यम से भी इनकी रचनाएं प्रकाश मे आई है। आकाशवाणी भोपाल केंद्र से इनकी 75 से अधिक वार्ताएं प्रसारित हो चुकी है। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओ मे अनेक पुरस्कार प्राप्त कर इन्होने विघारत्न, साहित्यालंकार, साहित्य कला विघालंकार, साहित्यश्री जैसी उपाधियाँ प्राप्त करने मे भी सफलता पाई है। अपने सुलेखन के लिए सभी के बीच निरंतर प्रशंशित हुए है।
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